Corona Politics: पश्चिमी देशों के आरोपों पर तिलमिलाया चीन, कहा- कोरोना से जंग में हार को पचा नहीं पा रहे देश
अमेरिका और पश्चिमी देशों के आरोपों पर चीन तिलमिला गया है। उसने कहा है कि अपनी गलतियों को छिपाने की वजह से चीन पर कोरोना वायरस को फैलाने का बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं।
वाशिंगटन/बीजिंग। दुनिया भर में कोरोना वायरस के मामले अब 10 लाख को भी पार कर चुके हैं। इनमें सबसे अधिक मामले अमेरिका से सामने आए हैं जो अब चीन को इस मामले में काफी पीछे छोड़ चुका है। अमेरिका में अकेले 245066 मामले अब तक सामने आ चुके हैं। यहां पर इसकी वजह से 6 हजार से अधिक लोगों की मौत भी हो चुकी है। आपको ये भी बता दें कि पूरी दुनिया में इसकी वजह से अब 53190 मौत हो चुकी हैं और 2 लाख से अधिक लोग सही भी हुए हैं। वहीं चीन में अब इसके 81589 मामले हैं। यहां पर 3318 लोगों की मौत अब तक इस वायरस की चपेट में आने के बाद हो चुकी है। कहने का अर्थ ये है कि वर्तमान में अमेरिका कोरोना वायरस के मरीज ओर मौतों के मामले में चीन से कहीं आगे है।
दुनिया की दो बड़ी शक्तियों के बीच इसको लेकर ही अब जंग शुरू हो गई है। ये जंग पहले अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा इस वायरस को चीनी वायरस कहने पर शुरू हुई थी। वहीं अब चीन द्वारा मौत के आंकड़ों को कम करके बताने वाले बयान पर ये जंग शुरू हुई है। इस जंग में सिर्फ अमेरिका ही नहीं है बल्कि पश्चिम के कई देश उसका साथ देते हुए नजर आ रहे हैं। लेकिन अब चीन ने भी इन आरोपों का जवाब देने के लिए अपना पूरा दम लगा दिया है।
चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से अमेरिका समेत पश्चिमी देशों को बेबुनियाद बयानबाजी ना करने और कोरोना से लड़ने की सही नीति बनाने को कहा गया है। चीन की तरफ से कहा गया है कि उनकी गलतियों की वजह से ये संक्रमण न सिर्फ अमेरिका बल्कि यूरोप में कहीं अधिक कहर ढहा रहा है। इसलिए चीन के खिलाफ झूठी अफवाहें न उड़ाएं और अपने यहां पर मरीजों की संख्या कम करने पर सारा ध्यान केंद्रित करें।
ट्रंप के बयान पर चीन ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है और अमेरिका को बाज आने को कहा है। चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स के डिजिटल एडिशनउ में प्रकाशित एक लेख में कहा गया है कि न सिर्फ अमेरिका बल्कि सभी पश्चिम देश कोरोना वायरस से जंग में हार चुके हैं और कुछ नहीं कर पा रहे हैं, जबकि चीन ने अपने यहां पर हालात काबू में कर लिया हैं। यही वजह है कि ये देश चीन के खिलाफ अनाप-शनाप बयानबाजी करने में लगे हैं। इसमें फ्रांस के एक अखबार में छपी खबर पर भी कड़ी नाराजगी जाहिर की है। इस खबर पर चीन पर आरोप लगाया गया है कि उसने ये वायरस पश्चिमी देशों में फैलाया है।
इसमें ये भी कहा गया है कि पश्चिमी देश चीन की इस कामयाबी और अपनी हार को पचा नहीं पा रहे हैं। अपनी गलतियों और नीतियों को छिपाने के लिए चीन पर दोष मढ़ रहे हैं, जबकि सच्चाई ये है कि चीन इस जंग में सभी देशों का साथ देने में लगा है। इस लेख में पश्चिमी देशों की मीडिया में छपी उन खबरों का भी खंडन किया है जिनमें कहा जा रहा है कि चीन में जो विदेशी कोरोना वायरस से संक्रमित है उनके साथ समान व्यवहार नहीं हो रहा है। इसमें कहा गया है कि चीन अपने यहां पर आने वाले और इस वायरस से संक्रमित सभी विदेशी नागरिकों को वही सहुलियत और इलाज दिया जा रहा है जो चीन के नागरिकों को मिल रहा है।
गौरतलब है कि व्हाइट हाउस में होने वाली रोजाना की प्रेस कांफ्रेंस में राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने चीन में कोरोना वायरस से मरने वालों की आधिकारिक संख्या पर संदेह जताया था। उनका कहना था कि हमें क्या पता है कि चीन ने जो कहा है वो सही ही है। ट्रंप का कहना था कि उन्हें ये मौत का आंकड़ा काफी कम लग रहा है।उनके इस बयान के पीछे खास बात ये भी है कि अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन ने मृतकों के आंकड़े छिपाए हैं। यही बात निकी हेली ने भी अपने बयान में कही है।
वहीं रिपब्लिकन पार्टी के सदस्यों ने भी ट्रंप के सुर में सुर मिलाते हुए अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के हवाले से दावा किया कि बीजिंग ने मुमकिन है कि कोरोना के संक्रमण और मौतों को लेकर दुनिया को भ्रमित किया हो। आपको यहां पर ये भी बता दें कि ये बयानबाजी उस वक्त सामने आ रही है जब कहा जा रहा है कि इस वायरस की वजह से अमेरिका में करीब दो लाख लोगों की जान जा सकती है। आपको बता दें कि ट्रंप समेत दूसरे सिनेटरों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के उन बयानों पर भी आपत्ति जताई है जिसमें उसने चीन की तारीफ की है। इतना ही नहीं सांसद रिक स्कॉट ने तो इसकी जांच करवाने तक की मांग कर दी है।
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