Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    तोड़ी हैं सामाजिक बेड़ियां- हिमानी शिवपुरी

    इन दिनों धारावाहिक ‘एक विवाह ऐसा भी’ में सास कलावती के किरदार में नजर आ रही है हिमानी शिवपुरी, जो अपनी विधवा बहू को एमबीए कराने के साथ ही उसकी दूसरी शादी भी कराती है।

    By Srishti VermaEdited By: Updated: Thu, 02 Mar 2017 11:51 AM (IST)
    तोड़ी हैं सामाजिक बेड़ियां- हिमानी शिवपुरी

    हिमानी के अनुसार उनकी असल सोच का अक्स है कलावती.....
    एंड टीवी का धारावाहिक ‘एक विवाह ऐसा भी’ में कलावती का किरदार पारंपरिक सास की छवि से अलग है। दकियानूसी सोच को दरकिनार करके वह बहू सुमन को जिंदगी में आगे बढ़ने का हौसला देती है। बहू सुमन की दूसरी शादी कराने के साथ ही वह उसके नए ससुराल में उसके साथ रहने भी जाती है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बेड़ियों को तोड़ा गया
    हिमानी शिवपुरी कहती हैं, ‘मैं खुश हूं, जो नाग-नागिन व ब्रह्मराक्षस के दौर में प्रगतिवादी मुद्दे पर आधारित शो का हिस्सा बनी हूं। हमने एक साथ कई सामाजिक और पारंपरिक बंधनों को तोड़ने वाली कहानी पेश की है। मैं असल जीवन में भी कलावती जैसी शख्सियत बनना चाहूंगी। मैं अपने पैतृक गांव भटवाड़ी में दकियानूसी सोच से लोगों को बाहर लाना चाहती हूं। दर्शकों को इस किस्म का कंटेंट देना हमारी जिम्मेदारी है।’

    टीवी पूरे कर रहा अरमान
    हिमानी आगे कहती हैं, ‘डेढ़ दशक पहले मैं यशराज, धर्मा और राजश्री की भव्य फिल्मों का हिस्सा हुआ करती थी। आज ऐसा नहीं है। हम जैसों के लिए उम्दा किरदार फिल्मों में नहीं गढ़े जा रहे हैं। उसकी कमी छोटा पर्दा पूरा कर रहा है। यहां की कहानियों में आज भी बुआ, मामी, चाची की प्रासंगिकता बनी हुई है। हमें बतौर कलाकार से अधिक किरदार के जरिए जाना जाता है। यह एक्टर की असल जीत होती है। फिल्म की अलग बात है। उसका एक मशहूर किरदार भी कलाकार को अमर कर जाता है। इस शो के शुरुआती एपिसोड्स में तो कलावती को बहू को प्रोत्साहित करने वाली सास के तौर पर दिखाया गया है, पर हकीकत कुछ और है। कलावती की स्याह मंशा आगे देखने को मिलेगी।’

    फाइनाइट सीरीज से पड़ेगा फर्क
    टीवी के मौजूदा दौर पर हिमानी अपने विचार रखती हैं, ‘टीवी सर्वश्रेष्ठ है। ऐसा भी नहीं है। यहां भी नाग- नागिन, मक्खी और डायन के कंटेंट हैं। मेरे ख्याल से फाइनाइट सीरीज का चलन जोर पकड़ने से हालात सुधरेंगे। वह दिन दूर नहीं, जब ‘होमलैंड’ व ‘ब्रेकिंग बैड’ जैसे सीरियल यहां की सरजमीं पर भी बनेंगे। ‘ब्रेकिंग बैड’ की तारीफ तो शाहरुख खान तक ने की है। उन्होंने ख्वाहिश भी जाहिर की है कि वह इसका देसी वर्जन बनाना चाहते हैं। बड़े नामों के आने से फर्क पड़ता भी है। बच्चन साहब ने टीवी का दामन पकड़ा तो ‘युद्ध’ जैसे शो आए। विपुल शाह ने ‘पुकार’ और अनिल कपूर ने ‘24’ बनाया। सब फाइनाइट सीरीज के थे और उनका कंटेंट लाजवाब था।’
    प्रस्तुति- अमित कर्ण

    यह भी पढ़ें : भगवान ने लिखी मेरी पटकथा