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वीजा शुल्‍क में वृद्धि उचित नहीं, भारतीय आइटी कंपनियां होंगी प्रभावित: जेटली

वित्त मंत्री अमेरिका द्वारा वीजा शुल्कइ में वृद्धि किए जाने से भारतीय प्रोफेशनल्सं को परेशानी होगी।

By Monika minalEdited By: Published: Thu, 14 Apr 2016 04:10 PM (IST)Updated: Thu, 14 Apr 2016 04:14 PM (IST)

वाशिंगटन, पीटीआई। भारत ने अमेरिका द्वारा बढ़ाए गए वीजा शुल्क पर चिंता जतायी है और कहा है कि अमेरिका के इस पक्षपाती कदम से भारतीय आइटी प्रोफेशनल्स प्रभावित होंगे। अमेरिका के ट्रेड रेप्रेजेंटेटिव अंबेस्डर माइकल फ्रोमैन व वित्त मंत्री अरुण जेटली के द्विपक्षीय बैठक के दौरान इस बात को भी विचार के तहत रखा गया कि अमेरिका में काम कर रहे भारतीयों को लाभ के लिए जल्द ही निष्कर्ष निकालना होगा।

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वीजा इश्यू पर उन्होंने कहा, ‘H-1B और L1 वीजा शुल्क में बढ़ोतरी भारतीयों के लिए चिंता का विषय है, जो कि पक्षपात है और यह काफी अधिक भारतीय आइटी कंपनियों को प्रभावित करेगा।’

पिछले वर्ष अमेरिकी कांग्रेस ने 9/11 हेल्थकेयर एक्ट व बायोमेट्रिक सिस्टम के फंड के लिए भारतीय आइटी कंपनियों के बीच लोकप्रिय H-1B और L-1 वीजाओं पर विशेष शुल्क लागू किया था जो कि 4,500 डॉलर तक था।

जेटली ने अमेरिका के साथ होने वाले ‘टोटलाइजेशन एग्रीमेंट’ से निकलने वाले निष्कर्ष के प्रति भारत की उत्सुकता को बताया।

अमेरिका ने ‘टोटलाइजेशन एग्रीमेंट्स’ नामक समझौतों की ओर कदम उठाया है जिसमें अनेकों राष्ट्र सम्मिलत होंगे। आय के दोगुने कर से बचाव के लिए इसकी शुरुआत की जा रही है। इसके तहत थोड़े समय के लिए दूसरे देश जा कमाने वाले दोनों देशों के प्रोफेशनल को सोशल सिक्योरिटी टैक्स की छूट दी जाएगी।

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जेटली अभी अमेरिका के आधिकारिक दौरे पर हैं। उनके साथ आरबीआइ गवर्नर रघुराम राजन, इकोनॉमिक अफेयर्स सेक्रेटरी शक्तिकांत दास, चीफ इकोनॉमिक अडवाइजर अरविंद सुब्रमनियन व अन्य अधिकारी हैं।


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