7.5 फीसद की वृद्धि दर भारत की जरूरतों के लिए पर्याप्त नहीं: अरुण जेटली
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि भारत की वर्तमान विकार दर हमारी आवश्यकताओं के हिसाब से पर्याप्त नहीं हैं और हमारे पास ऐसी क्षमता है कि हम इसे बेहतर कर सकते हैं।
वाशिंगटन (पीटीआई)। एक सप्ताह की अमेरिकी यात्रा पर गए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि भारत की वर्तमान विकास दर हमारी आवश्यकताओं के हिसाब से पर्याप्त नहीं हैं और देश के पास इतनी क्षमता है कि यह इससे बेहतर हो सकती है। भारत के घटते हुए निर्यात पर चिंता व्यक्त करते हुए जेटली ने कहा कि देश में विकास के मानक पटरी पर हैं और सरकार अपने सभी वित्तीय मानकों को पूरा करने के साथ-साथ अपने सुधार के एजेंडे की ओर भी आगे बढ़ रही है। जेटली ने कहा कि कुछ स्तरों पर वैश्विक विकास के मुकाबले भारत में फिर से विकास पटरी पर लौट रहा है, जिसका एक प्रमुख कारण बेहतर मानसून तेल की कीमतों में गिरावट होना है।
पढ़ें- गांव व बुनियादी क्षेत्र पर खर्च बढ़ाएं राज्यः जेटली
एक वैश्विक अमेरिकी थिंक टैंक, कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के कार्यक्रम में बोलते हुए जेटली ने कहा
"यह हकीकत है कि वैश्विक स्तर पर प्रतिकूल माहौल होने के बावजूद भी हमने घरेलू नीतियों में कुछ परिवर्तन करके विकास की गति को बनाए रखा।" उन्होंने कहा कि सबसे चिंता का जो विषय है, वह है घटता हुआ निर्यात, जिसके लिए वैश्विक कारण भी जिम्मेदार हैं। जेटली ने कहा भारत के पास इससे भी बेहतर करने की क्षमता है।
इससे पहले वैश्विक अमेरिकी थिंक टैंक, कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के अध्यक्ष और पूर्व विदेश उप मंत्री विलियम बर्न्स ने जेटली का स्वागत करते हुए कहा कि विश्व में, विशेषकर एशिया में भारत को एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करनी है। उन्होंने कहा कि चीन के मुकाबले सबसे तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था से भारत ने वैश्विक स्तर पर सबको प्रभावित किया है।
पढ़ें- वैश्विक साख के लिए वित्तीय अनुशासन जरूरी : अरुण जेटली
बर्न्स ने कहा "भाजपा के सत्ता में आने के दो साल बाद भारतीय आर्थिक स्थिति में परिवर्तन आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अरुण जेटली के नेतृत्व में आज भारत तेजी से उभरती हुई विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। सरकार सुधारों को लेकर प्रतिबद्ध है।"
जेटली ने कहा कि दो वर्ष पहले जब हम सत्ता में आए थे तो हमारे सामने कई चुनौतिया थी, लेकिन उसके बाद वैश्विक परिस्थितियां भी कभी हमारी मददगार नहीं रही।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।