अमेरिका ने की थी मर्केल व श्रोएडर की जासूसी
अमेरिकी खुफिया सेवा ने न केवल चांसलर एंजेला मर्केल की जासूसी की थी, बल्कि उसकी ओर से मर्केल के पूर्ववर्ती गेरहार्ड श्रोएडर की भी जासूसी की गई थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, श्रोएडर द्वारा इराक में युद्ध में जाने की अमेरिकी योजना का विरोध किए जाने के बाद उनकी जासूसी की गई।
बर्लिन। अमेरिकी खुफिया सेवा ने न केवल चांसलर एंजेला मर्केल की जासूसी की थी, बल्कि उसकी ओर से मर्केल के पूर्ववर्ती गेरहार्ड श्रोएडर की भी जासूसी की गई थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, श्रोएडर द्वारा इराक में युद्ध में जाने की अमेरिकी योजना का विरोध किए जाने के बाद उनकी जासूसी की गई।
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द स्यूड्डेयूश्च जीतुंग अखबार व टीवी चैनल एनडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी के पूर्व कांट्रेक्टर एडवर्ड स्नोडेन द्वारा लीक किए गए दस्तावेजों के आधार पर की गई जांच में पता चलता है कि 2002 से एनएसए द्वारा सोशल डेमोक्रेट चांसलर श्रोएडर की जासूसी की गई थी।
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श्रोएडर ने ग्रीन पार्टी के साथ मिलकर 2001 से 2005 तक जर्मनी में गठबंधन सरकार का नेतृत्व किया था। उन्हें एनएसए की 'नेशनल साइजिंट रिक्वायरमेंट लिस्ट' में 388 नंबर के तहत सूचीबद्ध किया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, सूची में उन लोगों व संस्थाओं के नाम हैं जिनकी एनएसए द्वारा निगरानी की जानी थी।
पिछले वर्ष अक्टूबर में स्नोडेन द्वारा लीक किए गए दस्तावेज से रहस्योद्घाटन हुआ था कि एनएसए ने कई वर्षो तक मर्केल के मोबाइल फोन की जासूसी की थी। इसके बाद से अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह जर्मनी की एकमात्र नेता नहीं हैं, जिनकी एनएसए द्वारा जासूसी की गई थी।
रिपोर्ट के मुताबिक, अखबार व चैनल की जांच में पता चला है कि संभवत: 2002 से ही श्रोएडर के फोन में एनएसए का चोरी छिपा माइक्रोफोन काम कर रहा था। 2005 में मर्केल के पहले कार्यकाल की शुरुआत से ही उनकी जासूसी की जा रही थी।
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