Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ..तो अमेरिका करा रहा था भारतीय दूतावास की भी जासूसी

    By Edited By:
    Updated: Tue, 02 Jul 2013 08:55 AM (IST)

    अमेरिकी खुफिया एजेंसी राजनयिक मिशनों की जासूसी कर रही थी उनमें भारतीय दूतावास भी शामिल था। यह जानकारी अमेरिकी नेशनल सिक्युरिटी एजेंसी [एनएसए] के अति गोपनीय दस्तावेजों से हुआ है जिसे एडवर्ड स्नोडेन ने हाल में जारी किया है। स्नोडेन एनआइए के गोपनीय निगरानी कार्यक्रम प्रिज्म की जानकारी लीक करने वाले सीआइए के पूर्व कर्मचारी हैं।

    वाशिंगटन। अमेरिकी खुफिया एजेंसी 38 राजनयिक मिशनों की जासूसी कर रही थी उनमें भारतीय दूतावास भी शामिल था। यह जानकारी अमेरिकी नेशनल सिक्युरिटी एजेंसी [एनएसए] के अति गोपनीय दस्तावेजों से हुआ है जिसे एडवर्ड स्नोडेन ने हाल में जारी किया है। स्नोडेन एनआइए के गोपनीय निगरानी कार्यक्रम प्रिज्म की जानकारी लीक करने वाले सीआइए के पूर्व कर्मचारी हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    लंदन से प्रकाशित दैनिक 'द गार्जियन' ने लीक हुई रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि अमेरिका जासूसी के लिए कई तरह के तरीके इस्तेमाल करता है जिनमें गुप्त रूप से माइक्रोफोन लगाना [बगिंग] भी शामिल हैं। एक दस्तावेज में 38 दूतावासों और मिशनों की सूची को टारगेट्स यानी लक्ष्य बताया गया है। अखबार ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि हर टारगेट के खिलाफ जासूसी के लिए अनोखे तरीकों का वर्णन किया गया है। इनमें इलेक्ट्रॉनिक संचार माध्यमों में नजर नहीं आने वाला माइक्रोफोन लगाकर बातचीत को विशेष ऐंटिना से पकड़ने का तरीका भी शामिल है। इसमें कहा गया है कि परंपरागत रूप से वैचारिक मतभेद वाले एवं संवेदनशील मध्य पूर्वी देशों के दूतावास टारगेट में शामिल थे। इनमें यूरोपीय संघ के दूतावासों के अलावा फ्रांस, इटली और यूनान के दूतावासों के साथ जापान, मैक्सिको, दक्षिण कोरिया, भारत और तुर्की जैसे कई अमेरिकी सहयोगी देशों के दूतावास भी इस सूची में हैं। वर्ष 2010 के सितंबर के इस दस्तावेज में ब्रिटेन, जर्मनी या अन्य पश्चिमी यूरोपीय देशों के नाम नहीं हैं।

    बताया गया है कि बगिंग का एक तरीके को कूट नाम 'ड्रोपमायर' से उल्लेख किया गया है। वर्ष 2007 के एक दस्तावेज के अनुसार यह इसे वाशिंगटन डीसी स्थित यूरोपीय संघ के दूतावास के फैक्स मशीन में लगाया गया था। एनएसए के दस्तावेजों के अनुसार, इस मशीन का इस्तेमाल यूरोपीय देशों की राजधानियों को विदेश मंत्रालय का संदेश भेजने के लिए किया जाता है।

    मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर