H-1B वीजा की प्रक्रिया होगी और कड़ी, डोनाल्ड ट्रंप ने किए शासनादेश पर हस्ताक्षर
डोनाल्ड ट्रंप ने H1-B को जारी करने की प्रक्रिया को और अधिक कड़ा बनाने वाले शासनादेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। यह उनकी 'अमेरिकन फर्स्ट' पॉलिसी का ही एक हिस्सा है।
वाशिंगटन (एएफपी)। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच1बी (H1-B) वीजा जारी करने की प्रक्रिया को कड़ा करने वाले शासनादेश पर अपने हस्ताक्षर कर दिए हैं। ट्रंप ने विस्कांसिन के केनोशा में इस शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं। इस वीजा की भारतीय आईटी फर्मों और पेशेवरों के बीच काफी मांग है। लिहाजा इसका सीधा असर भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स पर भी जरूर पड़ेगा।
'अमेरिकन फर्स्ट' पॉलिसी पर ट्रंप
इस आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद ट्रंप ने यह साफ कर दिया है कि वह अमेरिकन फर्स्ट की पॉलिसी पर आगे बढ़ते रहेंगे। इसके अलावा इसको ट्रंप के 'बाय अमेरिकन एंड हायर अमेरिकन' चुनावी नारे को अमलीजामा दिए जाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। इसके अलावा इस आदेश को पारित करने के पीछे उनका मकसद बेहद साफ है कि वह अमेरिकियों को ज्यादा से ज्यादा नौकरियों के अवसर देना चाहते हैं।
इमिग्रेशन पॉलिसी को सख्त बनाने की दिशा में कदम
अमेरिका में अधिक कुशलता और योग्यता पर आधारित इमिग्रेशन पॉलिसी बनाने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है। यह आदेश पारित करने से एक दिन पूर्व ही अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा ने घोषणा की थी कि उसने इस साल एक अक्तूबर से शुरू हो रहे वित्त वर्ष 2018 के लिए 65,000 एच1बी वीजा के कांग्रेशनल आदेश के लिए उसे प्राप्त 1,99,000 याचिकाओं से कंप्यूटरीकृत ड्रॉ पूरा कर लिया है।
एच 1बी वीजा रखने वालों में भारतीय सबसे आगे
एच-1 बी एक गैर-अप्रवासी वीजा है, जिसके माध्यम से यह अमेरिकी कंपनियों को विशेष परिस्थितियों में विदेशी कर्मचारियों को अस्थाई तौर पर नियुक्त करने की अनुमति देता है। वैश्विक स्तर पर एच1बी वीजा रखने वालों में भारतीयों की संख्या सबसे ज्यादा है।
प्रचार के दौरान ही बदलाव का किया था वादा
गौरतलब है कि अपने चुनाव प्रचार के दौरान ही डोनाल्ड ट्रंप ने आेबामा प्रशासन पर अमेरिकियों के हाथों से नौकरियां छीनने और विदेशियों को सौंपने का आरोप लगाते हुए एच 1बी वीजा पॉलिसी में बदलाव की पुरजोर वकालत की थी। उन्होंने प्रचार के दौरान और राष्ट्रपति का पदभार संभालने के साथ ही यह साफ कर दिया था कि अब वह अमेरिकन फर्स्ट की नीति पर चलेंगे, जहां अमेरिकियों को ज्यादा से ज्यादा नौकरियां उपलब्ध करवाई जा सकेंगी। उन्होंने राष्ट्रपति बनने से पहले ही यह साफ कर दिया था कि यदि वह सत्ता में आते हैं तो उच्च विदेशी पेशेवरों को देश में आने के लिए दिए जाने वाले अस्थायी वीजा कार्यक्रम को सख्त बनाएंगे।
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