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    ऑस्ट्रेलिया के पीएम ने भारतवासियों को दिया झटका, रद किया मशहूर वीजा प्रोग्राम

    By Abhishek Pratap SinghEdited By:
    Updated: Wed, 19 Apr 2017 09:59 AM (IST)

    रद्द किए गए वीजा प्रोग्राम का नाम है- 457 वीजा। इसके जरिए कंपनियों को स्किल्ड जॉब्स में विदेशी कामगारों को अधिकतम चार साल तक रखने की इजाजत मिलती है।

    ऑस्ट्रेलिया के पीएम ने भारतवासियों को दिया झटका, रद किया मशहूर वीजा प्रोग्राम

    मेलबर्न, प्रेट्र । ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल भी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीति पर चल पड़े हैं। ट्रंप के 'अमेरिका फ‌र्स्ट' की तर्ज पर टर्नबुल ने 'ऑस्ट्रेलिया फ‌र्स्ट' का एलान किया है। बढ़ती बेरोजगारी से निपटने के लिए टर्नबुल ने विदेशी कामगारों में लोकप्रिय '457 वीजा' को खत्म करने की घोषणा की है। वहां इस वीजा पर काम करने में वालों में भारतीयों की संख्या सबसे ज्यादा है। '457 वीजा' के स्थान पर ऑस्ट्रेलिया अंग्रेजी में प्रवीणता और कार्य कुशलता के नए मानक वाला वीजा लाएगा।'457 वीजा' के तहत कंपनियों को कुशल रोजगार श्रेणी में चार साल के लिए विदेशी कर्मचारी रखने की अनुमति मिलती है।

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    कंपनियां ऐसी जगहों पर विदेशी कामगार रख सकती हैं, जहां ऑस्ट्रेलियाई कामगार उपलब्ध न हों। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल ने कहा, 'हमारा देश प्रवासियों का देश है, लेकिन यह भी अहम तथ्य है कि ऑस्ट्रेलिया की नौकरियों में ऑस्ट्रेलिया के लोगों को प्राथमिकता मिलनी ही चाहिए। इसी कारण हमने '457 वीजा' को खत्म करने का फैसला किया है।

    जो नौकरियां ऑस्ट्रेलिया के लोगों को मिलनी चाहिए और मिल सकती हैं, उन्हें हम विदेशी कामगारों के पास नहीं जाने दे सकते।' उन्होंने बताया कि अब इसके स्थान पर दूसरी योजना लाई जाएगी, जिसमें ऑस्ट्रेलियाई नागरिक प्राथमिकता में रहेंगे और कुशल विदेशी कामगारों को ही मौका दिया जाएगा। टर्नबुल ने कहा, 'कुछ उद्यम ऐसे हैं जिन्हें आगे बढ़ने के लिए अधिक गुणवत्ता तक पहुंच बनानी होती है। इसलिए नया अस्थायी वीजा लाया जाएगा, जिसे देश हित में सर्वश्रेष्ठ लोगों की नियुक्ति के अनुरूप तैयार किया जाएगा।'एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल 30 सितंबर तक प्राइमरी '457 वीजा' धारकों की संख्या 95,757 और सेकेंडरी वीजा धारकों (परिजन) की संख्या 76,430 थी। इनमें करीब एक चौथाई भारतीय हैं। इसके अलावा 19.5 फीसद ब्रिटिश और 5.8 फीसद चीन के कर्मचारी हैं।

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