उत्तर कोरिया अौर यूएस के बीच तनातनी, डर के साए में जापान, रूस और चीन
यूएन में उत्तर कोरिया के उपराजदूत किम इन योंग ने अमेरिका को धमकी दी है कि वह अपना परमाणु कार्यक्रम बंद नहीं करेंगे। वहीं ट्रंप ने उसे औकात में रहने की धमकी दी है।
न्यूयार्क (रॉयटर/एएफपी)। संयुक्त राष्ट्र में उत्तर कोरिया के उपराजदूत किम इन योंग ने अमेरिका को धमकी देते हुए कहा है कि उनका देश अमेरिका द्वारा थोपे गए किसी भी तरह के युद्ध पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार है। इस मौके पर उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि वह अपने परमाणु कार्यक्रम से पीछे हटने वाला नहीं है। उन्होंने कोरियाई प्रायद्वीप में उपजे परमाणु युद्ध के हालात के लिए सीधे तौर पर अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने कहा कि किसी भी वक्त विनाशकारी परमाणु युद्ध छिड़ सकता है। इस बीच एक बार फिर से अमेरिका के उप-राष्ट्रपति माइक पेंस ने कहा है कि अमेरिका ने अपनी ताकत को सीरिया और अफगानिस्तान में किए गए ताजा हमलों में दिखा दिया है, लिहाजा उत्तर कोरिया अमेरिका के सब्र का इम्तिहान न ले।
भुगतने होंगे गंभीर परिणाम
वहीं दूसरी ओर बीबीसी से बातचीत के दौरान उत्तर कोरिया के उपविदेश मंत्री ने साफ कर दिया है कि वह अमेरिका की धमकी से डरने वाले नहीं है। इस बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि प्योंगयोंग हर स्तर पर अपना मिसाइल परीक्षण जारी रखेगा। हन सोंग-रयोल ने कहा है कि अगर अमेरिका ने सैन्य कार्रवाई की तो इसके उसे गंभीर परिणाम झेलने होंगे। उत्तर कोरिया की तरफ से यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति माइक पेंस के दक्षिण कोरिया के दौरे के समय दिए गए बयान के बाद आया है।
सभी विकल्प खुले
इस दौरान पेंस ने कहा था क्षेत्र में शांति स्थापना के लिए उसके पास सभी विकल्प खुले हैं। इसमें वार्ता से लेकर युद्ध का विकल्प भी शामिल है। पेंस ने सोमवार को सख्त लहजे में कहा था कि उत्तर कोरिया अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सब्र की परीक्षा न ले, तो बेहतर होगा।
ट्रंप का कड़ा रुख
किम इन योंग के बयान के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उत्तर कोरिया अपनी औकात में रहे। उन्होंने कहा कि देखते जाओ आगे क्या होता है? उन्होंने उत्तर कोरिया को सही व्यवहार करने की हिदायत तक दे डाली थी। इस मुद्दे पर अमेरिका का रुख स्पष्ट करते हुए व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति रेत में लकीर नहीं खींचते हैं। इसके बाद दोनों देशों और इस पूरे क्षेत्र में माहौल के गरमाने के पूरे आसार हैं।
रूस और चीन ने वार्ता की बताई जरूरत
इस बीच रूस के विदेश मंत्री सरगेई लवरोफ ने उम्मीद जतायी है कि उत्तर कोरिया में अमेरिका सीरिया में किए गए हमले की तरह कोई कदम अकेले नहीं उठाएगा। चीन ने भी इस क्षेत्र में युद्ध को टालने के लिए वार्ता करने की सलाह दी है। चीन के विदेश मंत्री लू कंग ने कहा कि कोरियन प्रायद्वीप में बढ़ते संकट को कम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि चीन इस मसले पर कई दलों के बीच बातचीत की शुरुआत कराना चाहता है जो कि 2009 में आए गतिरोध की वजह से बंद हो गई थी। दूसरी ओर चीन ने अमेरिका द्वारा इस क्षेत्र में स्थापित किए गए थार मिसाइल सिस्टम की तैनाती पर एक बार फिर से नाराजगी जताई है। उसका कहना है कि इस सिस्टम की तैनाती का असर उसके और अमेरिका के रिश्तों पर भी पड़ेगा।
युद्ध टालने को जापान भी चाहता है वार्ता
वहीं जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने भी अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच बढ़ती तनातनी को कम करने के लिए वार्ता को जरूरी बताया है। उन्होंने कहा है कि क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए कूटनीतिक प्रयास महत्वपूर्ण है। उनका कहना था कि उत्तर कोरिया को वार्ता के लिए राजी करने के लिए दबाव बनाना जरूरी है, ताकि वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के प्रति गंभीरता दिखाए।
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