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    अमेरिका के सरकारी दफ्तरों में काम बंद

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    Updated: Wed, 02 Oct 2013 05:47 AM (IST)

    अमेरिका में नए बजट पर राजनीति हावी हो गई और आठ लाख कर्मचारी को घर बैठने का आदेश जारी हो गया। यदि गतिरोध जारी रहा तो 10 लाख और कर्मचारी घर बिठाए जा सकते हैं। अमेरिकी अर्थव्यवस्था को इस फैसले से एक हफ्ते में करीब एक अरब डॉलर (62.46 अरब रुपये) का नुकसान होगा।

    वाशिंगटन। अमेरिका में नए बजट पर राजनीति हावी हो गई और आठ लाख कर्मचारियों को घर बैठने का आदेश जारी हो गया। यदि गतिरोध जारी रहा तो 10 लाख और कर्मचारी घर बिठाए जा सकते हैं। अमेरिकी अर्थव्यवस्था को इस फैसले से एक हफ्ते में करीब एक अरब डॉलर (62.46 अरब रुपये) का नुकसान होगा।

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    सत्तारूढ़ डेमोक्रेट और विपक्षी रिपब्लिकन के बीच ओबामाकेयर के नाम से प्रचलित हेल्थ केयर कार्यक्रम पर सहमति नहीं बनी। इसके चलते अब सरकार के पास कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसे नहीं हैं।

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    कांग्रेस में हुए इस गतिरोध के चलते मंगलवार को नेशनल पार्क, म्यूजियम, सरकारी इमारतें और सेवाओं को बंद करना पड़ा। अमेरिकी अर्थव्यवस्था को यह दिन 18 वर्षो बाद देखना पड़ा है। इससे पहले 1995-96 में लाखों कर्मचारियों को बिना वेतन छुट्टी पर भेजा गया था। हालांकि, अमेरिकी सेना के बजट समेत राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक सुरक्षा से संबंधित कार्यो के लिए खर्च जारी रहेगा।

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    अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा समेत सभी वरिष्ठ नेता अंतिम समय तक गतिरोध खत्म करने की कोशिश करते रहे। लेकिन, उसका कोई असर नहीं पड़ा। ओबामा ने कहा कि कामबंदी से आर्थिक सुधार के कदम खतरे में पड़ गए हैं। आंशिक कामबंदी शुरू होने के बाद ओबामा ने सशस्त्र सेवाओं को जारी वीडियो संदेश में कहा, 'अमेरिकी संसद ने अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं की। वह बजट पास करने में नाकाम रही। परिणामस्वरूप हम गैरजरूरी सरकारी एजेंसियों को बजट मंजूर होने तक के लिए बंद कर रहे हैं। मगर देश की सुरक्षा को लेकर खतरा टला नहीं है। आपको किसी भी आकस्मिक घटना के लिए तैयार रहने की जरूरत है।' कांग्रेस ने उस विधेयक को पास कर दिया है, जिससे सैन्यकर्मियों को समय पर वेतन मिलता रहे। वहीं सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी के नेता हैरी रीड ने कहा कि कामबंदी को ढाल बनाकर डेमोक्रेट से खर्च पर वार्ता नहीं की जा सकती।

    जल्द खत्म हो सकती है समस्या

    अगर कांग्रेस नए फंडिंग बिल पर जल्द सहमत हो जाती है तो कामबंदी कुछ ही दिनों में खत्म हो सकती है, लेकिन दोनों पक्षों के एकजुट होने का कोई संकेत नहीं मिल रहा। इससे पहले 2011 में वाशिंगटन को कर्ज सीमा को लेकर इसी प्रकार के गतिरोध का सामना करना पड़ा था। तब रिपब्लिकन और डेमोक्रेट के बीच निर्धारित सीमा के अंदर समझौता हो गया था।

    गतिरोध का कारण

    दरअसल, ओबामाकेयर से अर्थव्यवस्था पर भारी बोझ पड़ेगा। रिपब्लिकन पार्टी की मांग है कि अगर सरकार सरकारी खर्च विधेयक पारित कराना चाहती है तो वह इस कानून को वापस ले। ओबामा ने मांग पर कोई समझौता करने से इन्कार कर दिया।

    अगली बाधा

    कामबंदी खतरे के बीच आगामी हफ्तों में कर्ज सीमा बढ़ाने के मुद्दे की समयसीमा भी सिर पर है। आगामी 17 अक्टूबर तक अमेरिकी सरकार कर्ज लेकर अपने खर्चे निकालने की सीमा तक पहुंच जाएगी जिसे कर्ज सीमा कहते हैं। रिपब्लिकन सांसदों ने मांग की है अगर कर्ज सीमा को 16 हजार अरब डॉलर बढ़ाना है तो स्वास्थ्य सुधार संबंधी कानून वापस ले।

    संभावित असर

    -मुद्दा हल होने तक सरकारी कर्मचारियों को वेतन मिलने की गारंटी नहीं।

    -बुजुर्गो को मिलने वाले लाभार्थ चेक में देरी होगी।

    -पासपोर्ट और वीजा अर्जियां धरी रह जाएंगी।

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