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ब्रिटेन के पूर्व डिप्‍टी पीएम प्रेसकॉट ने इराक युद्ध को बताया 'गैरकानूनी'

ब्रिटेन के पूर्व डिप्‍टी पीएम प्रेसकॉट ने इराक युद्ध को गैरकानूनी बताते हुए कहा है कि वह अपनी सारी जिंदगी इस गलत फैसले के साथ जिंदा रहेंगे। उन्‍होंने कहा कि वह इससे काफी दुखी हैं।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sun, 10 Jul 2016 03:49 PM (IST)Updated: Sun, 10 Jul 2016 05:39 PM (IST)

लंदन। इराक युद्ध पर कुछ दिनों पूर्व सामने आई शिलकॉट रिपोर्ट के बाद मचे हो हल्ले के बीच आज इस युद्ध को लेकर ब्रिटेन के पूर्व डिप्टी पीएम जॉन प्रेसकॉट एक विवादित बयान दिया है। उन्होंने इस युद्ध को गैरकानूनी बताया है। प्रेसकॉट ने संडे मिरर अखबार में छपे लेख में यह टिप्पणी की है। लेख में प्रेसकॉट ने कहा कि वह अपनी पूरी जिंदगी युद्ध में जाने के फैसले और इसके खतरनाक परिणाम के साथ जिंदा रहेंगे।

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उन्होंने कहा कि वह इस फैसले पर काफी खफा हैं। हालांकि इस लेख में उन्होंने यह भी माना है कि इराक से सद्दाम हुसैन को हटाना बेहद जरूरी था। उन्होंने लिखा है कि वर्ष 2004 में संयुक्त राष्ट्र के तत्कालीन महासचिव कॉफी अन्नान ने कहा कि इराक युद्ध का मुख्य उद्देश्य व्यवस्था में बदलाव था इसलिए यह गैरकानूनी था। प्रेस्कॉट फिलहाल हाउस ऑफ लॉर्ड्स के सदस्य हैं।

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गौरतलब है कि वर्ष 2003 में जब ब्रिटेन ने इस युद्ध भागीदारी की थी उस समय टोनी ब्लेयर देश के प्रधानमंत्री थे और प्रेसकॉट सरकार में दूसरे नंबर पर थे। बुधवार को सामने आई शिलकॉट की रिपोर्ट में ब्रिटेन की भूमिका पर कई सवाल उठाए गए हैं। इस रिपोर्ट में पूर्व पीएम ब्लेयर के इराक युद्ध में भाग लेने के फैसले को गलत ठहराया गया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2003 में इराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन को अपदस्थ करने के लिए अमेरिका के नेतृत्व में हुए हमले में ब्रिटेन का शामिल होना अंतिम उपाय नहीं था।

यह फैसला दोषपूर्ण खुफिया जानकारी पर आधारित था। वर्ष 2009 में शुरू हुई जांच के अध्यक्ष जॉन शिलकॉट ने कहा कि ब्रिटेन ने इराक पर हमले में शामिल होने से पहले सभी शांतिपूर्ण विकल्पों को नहीं तलाशा था। शिलकॉट रिपोर्ट के सामने आने के बाद खुद टोनी ब्लेयर ने युद्ध को लेकर हुई गलतियों के लिए अफसोस जताया था और माफी मांगी थी।

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शिलकॉट की जांच रिपोर्ट में कहा गया कि ब्लेयर ने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जार्ज डब्ल्यू बुश को हमले से आठ माह पहले एक संदेश भेजा था, जिसमें ब्लेयर ने लिखा था कि जो भी हो, मैं आपके साथ रहूंगा। रिपोर्ट के सामने आने के बाद ब्लेयर ने कहा था कि यह युद्ध सही था और दुनिया इराकी तानाशाह सद्दाम को हटाए बिना सुरक्षित नहीं रहती। वर्तमान में लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कॉरबिन ने युद्ध के लिए हामी भरने के गलत फैसले पर पार्टी की ओर से माफी मांगी थी।

अमेरिकी और ब्रिटिश सैनिकों के आक्रमण के बाद छह साल में इराक में करीब 150,000 इराकियों की जान गई और देश में ऐसी अराजकता फैली कि देश इस्लामिक स्टेट जैसे जिहादी गुटों के पनपने की सुरक्षित जगह बन गया। इस पूरे प्रकरण में 179 ब्रितानी सैनिक भी मारे गए थे।चीन में हाईस्पीड रेल नेटवर्क के लिए एशिया की सबसे लंबी सुरंग बनकर तैयार


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