अब ब्रह्मांड के विकास का खुलेगा रहस्य
वैज्ञानिकों ने बिग बैंग से पैदा होने वाले विकिरणों जैसी ही संरचना को प्रयोगशाला में तैयार करने में सफलता हासिल की है। इससे इस बात को बेहतर ढंग से समझा जा सकेगा कि प्रारंभिक ब्रह्मांड में विभिन्न संरचनाओं का विकास किस प्रकार हुआ।
वाशिंगटन। वैज्ञानिकों ने बिग बैंग से पैदा होने वाले विकिरणों जैसी ही संरचना को प्रयोगशाला में तैयार करने में सफलता हासिल की है। इससे इस बात को बेहतर ढंग से समझा जा सकेगा कि प्रारंभिक ब्रह्मांड में विभिन्न संरचनाओं का विकास किस प्रकार हुआ। ब्रह्मांड का जन्म एक महाविस्फोट के परिणामस्वरूप हुआ था, जिसे बिग बैंग कहा जाता है।
यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के भौतिकविज्ञानियों ने एक वैक्यूम चैंबर में सिजियम परमाणुओं की मदद से कॉसमिक माइक्रोवेब बैकग्राउंड [सीएमबी] विकिरण के तरह की ही संरचना तैयार की। भौतिक विज्ञान के प्रोफेसर जेंग चिन ने बताया, प्रारंभिक ब्रह्मांड की संरचना के विकास का खाका तैयार करने के लिए अपनी तरह का यह पहला शोध है। शोधकर्ताओं के मुताबिक सीएमबी के व्यापक माप से वैज्ञानिकों को तीन लाख 80 हजार वर्ष पहले ब्रह्मांड की उत्पत्ति के संबंध में एक तस्वीर तैयार करने में मदद मिलेगी। कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में शोध के प्रमुख लेखक चेन लुंग हुंग ने बताया कि यह कुछ ऐसी ही घटना थी, जो बिग बैंग के बाद सामने आई थी। यह शोध साइंस एक्सप्रेस जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
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