अतंरिक्ष में जापान ने भेजा बोलने वाला पहला रोबोट
अतंरिक्ष यात्रियों के अकेलेपन को दूर करने के मकसद से जापान विश्व के पहले बोलने वाले रोबोट को अंतरिक्ष में भेजने में सफल रहा। अतंरिक्ष में भेजे गए अपनी तरह के इस खास रोबोट का नाम 'किरोबो' है। स्पेस डॉट कॉम ने जापान अंतरिक्ष अनुसंधान एजेंसी (जेएईए) के अधिकारियों के हवाले से बताया कि रविवार को तानेगशिमा द्वीप से एच2बी राकेट ने भोजन, पानी और अन्य चीजों को लेकर सुबह उड़ान भरी। इसमें बोलने वाला वह रोबोट भी शामिल है जो अगले साल अंतरिक्ष यात्रा पर जाने वाले कोइची वाकटा काअकेलेपन में साथ देगा। भेजे जाने से पूर्व किरोबो को शून्य गुरुत्वाकर्षण और सुरक्षा मानकों पर परखा गया। 34 सेंटीमीटर लंबाई वाला यह रोबोट जापानी भाषा में बातचीत कर सकता है। यही नहीं रोबोट को ऐसे तैयार किया गया है कि वह लंबे समय तक तन्हाई में रहने वाले व्यक्ति को भावनात्मक लगाव का एहसास करा सकता है।
वाशिंगटन। अतंरिक्ष यात्रियों के अकेलेपन को दूर करने के मकसद से जापान विश्व के पहले बोलने वाले रोबोट को अंतरिक्ष में भेजने में सफल रहा। अतंरिक्ष में भेजे गए अपनी तरह के इस खास रोबोट का नाम 'किरोबो' है।
स्पेस डॉट कॉम ने जापान अंतरिक्ष अनुसंधान एजेंसी (जेएईए) के अधिकारियों के हवाले से बताया कि रविवार को तानेगशिमा द्वीप से एच2बी राकेट ने भोजन, पानी और अन्य चीजों को लेकर सुबह उड़ान भरी। इसमें बोलने वाला वह रोबोट भी शामिल है जो अगले साल अंतरिक्ष यात्रा पर जाने वाले कोइची वाकटा काअकेलेपन में साथ देगा। भेजे जाने से पूर्व किरोबो को शून्य गुरुत्वाकर्षण और सुरक्षा मानकों पर परखा गया। 34 सेंटीमीटर लंबाई वाला यह रोबोट जापानी भाषा में बातचीत कर सकता है। यही नहीं रोबोट को ऐसे तैयार किया गया है कि वह लंबे समय तक तन्हाई में रहने वाले व्यक्ति को भावनात्मक लगाव का एहसास करा सकता है। किरोबो उस प्रोजेक्ट का हिस्सा है जिसका मकसद अंतरिक्ष में मानव-रोबोट में बातचीत की नई तकनीक विकसित करने का है।
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