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पीएम मोदी मलेशिया पहुंचे, ASEAN सम्मेलन में लेंगे हिस्सा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को भारतीय समयानुसार सुबह चार बजे कुअालालंपुर (मलेशिया) पहुंचे गए।पीएम पूर्वी एशिया के दो देशों मलेशिया और सिंगापुर चार दिवसीय यात्रा पर शुक्रवार की देर रात रवाना हुए थे।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Sat, 21 Nov 2015 04:34 AM (IST)Updated: Sat, 21 Nov 2015 04:47 AM (IST)
पीएम मोदी मलेशिया पहुंचे, ASEAN सम्मेलन में लेंगे हिस्सा

कुअालालंपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को भारतीय समयानुसार सुबह चार बजे कुअालालंपुर (मलेशिया) पहुंचे गए।पीएम पूर्वी एशिया के दो देशों मलेशिया और सिंगापुर चार दिवसीय यात्रा पर शुक्रवार की देर रात रवाना हुए थे।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी दो देशों की यात्रा से पहले गुरुवार को कहा कि उनकी मलेशिया यात्रा का उद्देश्य पूर्वी एशियाई देशों के साथ व्यापारिक संबंध बनाना है, वहीं सिंगापुर दौरे में भारत में निवेश आकर्षित करने पर ध्यान दिया जाएगा। पीएम मोदी मलेशिया में 21 नवंबर को आसियान-भारत शिखर-सम्मेलन में हिस्सा लेंगे और अगले दिन 10वें पूर्वी एशिया शिखर-सम्मेलन में शिरकत करेंगे। वे मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रजाक और सम्मेलन में भाग ले रहे कुछ अन्य वैश्विक नेताओं से भी बात करेंगे।

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उन्होंने कहा कि आसियान-भारत और पूर्वी एशिया सम्मेलन महत्वपूर्ण समय में हो रहे हैं और हम मिलकर सुरक्षा मुद्दों पर बात करेंगे। आतंकवाद के उभरते खतरे और पश्चिम एशिया के मौजूदा हालात पर भी चर्चा होगी।सिंगापुर में वह प्रधानमंत्री ली सीन लूंग से दोनों देशों के कूटनीतिक संबंधों के 50 साल पूरे होने के मौके पर द्विपक्षीय संबंधों को विस्तार देने के तरीकों पर विचार-विमर्श करेंगे।

मलेशिया के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने कहा कि यह हमारी ‘एक्ट ईस्ट नीति’ के केंद्र में है। उन्होंने कहा कि आसियान देशों के साथ भारत की साझेदारी को पिछले कुछ सालों में काफी गति मिली है. हम व्यापार और आर्थिक संबंधों को और बढ़ाना चाहते हैं। मैं आसियान व्यापार और निवेश सम्मेलन में भारत में निवेश के अवसरों और करीबी आर्थिक सहयोग की जरूरत पर बात करूंगा।

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मलेशिया के बाद वह सिंगापुर जाएंगे। पीएम मोदी ने कहा कि सिंगापुर को भारत अत्यधिक महत्व देता है।सिंगापुर भारत में बड़ा निवेशक है और कई भारतीय कंपनियां सिंगापुर में अपने परिचालन का विस्तार कर रहीं हैं। उन्होंने कहा कि शहरी विकास, शहरी परिवहन, कचरा प्रबंधन, बंदरगाह विकास और कौशल विकास में उनकी उपलब्धियां भलीभांति ज्ञात हैं। सिंगापुर की मेरी यात्रा भारत-सिंगापुर सहयोग के इन प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान देने वाली होगी।


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