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चीन ने पहली बार मानी भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की बात

बीजिंग। चीन ने लद्दाख क्षेत्र में घुसपैठ की बात को पहली बार स्वीकार किया है। चीनी सेना ने गुरुवार को कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के बारे में अलग-अलग धारणाओं के चलते इस तरह की घटनाएं होती हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल गेंग यानशेंग ने कहा कि पिछले साल सीमाई क्षेत्रों में ऐसी कुछ घटनाएं हुइ

By Edited By: Published: Fri, 01 Aug 2014 08:10 AM (IST)Updated: Fri, 01 Aug 2014 09:22 AM (IST)
चीन ने पहली बार मानी भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की बात

बीजिंग। चीन ने लद्दाख क्षेत्र में घुसपैठ की बात को पहली बार स्वीकार किया है। चीनी सेना ने गुरुवार को कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के बारे में अलग-अलग धारणाओं के चलते इस तरह की घटनाएं होती हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल गेंग यानशेंग ने कहा कि पिछले साल सीमाई क्षेत्रों में ऐसी कुछ घटनाएं हुई। मगर हमने वार्ता के जरिये विवाद में पड़े बिना इन्हें सुलझा लिया।

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यानशेंग ने 2013 में देपसांग घाटी की घटना का जिक्र किए बिना कहा कि सीमा रेखा अभी तक चिन्हित नहीं हो पाई है। दोनों देश 4,000 किमी से भी लंबी एलएसी के बारे में अलग-अलग राय रखते हैं। पिछले साल अप्रैल में देपसांग में चीनी सेना ने भारतीय इलाके में घुसकर अपने टैंट लगा दिए थे। चीनी प्रधानमंत्री ली कछ्यांग की भारत यात्रा से ठीक पहले हुई इस घटना के चलते दोनों देशों में तनाव पैदा हो गया था।

चीनी सेना के इतिहास में पहली बार चुनिंदा विदेशी मीडिया को भी आमंत्रित किया। यानशेंग ने कहा कि हमने विदेशी मीडिया को चीन एवं हमारी सेना की बेहतर समझ के लिए आमंत्रण दिया है। उन्होंने पिछले साल हुए सीमा सुरक्षा सहयोग समझौते (बीडीसीए) का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों सरकारें सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि दोनों सेनाओं के बीच हॉटलाइन संपर्क और बैठकें इसी प्रयास का नतीजा हैं।

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