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    पाकिस्‍तान में सेना की नहीं रही कभी कोई जवाबदेही: पाक मीडिया

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Mon, 17 Oct 2016 12:09 PM (IST)

    पाक मीडिया ने पाकिस्‍तान सरकार और सेना पर तीखा प्रहार करते हुए कहा हैै क‍ि यहां सेना की जवाबदेही की कभी कोई परंपरा नहीं रही है।

    इस्लामाबाद। पाकिस्तान के बड़े अखबार 'द डॉन' के एक संपादकीय में कहा गया है कि पाकिस्तान में सेना की जवाबदेही की कभी कोई परंपरा नहीं रही है। इस लेख में कहा गया हैै कि अव्वल तो इस तरह की परंपरा पाकस्तिान सेना में है ही नहीं और यदि है भी तो वह केवल नाममात्र की ही है। अखबार के पूर्व संपादक अब्बास नासिर ने पाकिस्तान में मौजूदा समय में चल रही राजनीति और प्रेस पर अघोषित पाबंदी पर हमला बोलते हुए 'Storm in a teacup?' की हैडिंग से लिखे इस लेख में कहा गया है कि डॉन के पत्रकार का मामला इसका ताजा उदाहरण है।

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    अल्मीड़ा पर पाक सेना का जुल्म

    गौरतलब है कि डॉन के पत्रकार अल्मीड़ा ने अपनी एक खबर में पाक सेना और पाकिस्तान सरकार के बीच अलगाव की खबर लिखी थी। इसके बाद अल्मीड़ा पर पाक सेना की ओर से किए गए जुल्मों का पहाड़ टूट गया। हालांकि अंतरराष्ट्रीय जगत में इसको लेकर पाकिस्तान की काफी थू-थू भी हुई, जिसके बाद अल्मीड़ा पर पाकिस्तान में घूमने फिरने से पाबंदी हटा ली गई।

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    बेहद कम लोग कर पाते हैं हिम्मत

    नासिर ने अपने इस लेख में लिखा है कि बहुत कम अखबार ही पाकिस्तान की सेना और पाकिस्तान की सरकार के खिलाफ लिखने की हिम्मत कर पाते हैं। इसमें लिखा गया है कि इन दोनों के बीच ही हमेशा से ही सत्ता को लेकर संघर्ष साफतौर पर दिखाई देता रहा है। यही वजह है कि इन दोनों की ही वजह से देश में तनाव बरकरार रहता है। इन दोनों ने ही हमेशा तनाव को बढ़ाने का काम किया है।

    कभी नहीं रही सेना की जवाबदेही

    उन्होंने लिखा है कि इसकी चिंता समय समय पर कई तरह से जाहिर भी की जाती रही है। मौजूदा हालात में ज्यादातर यही मानते हैंं कि सेना में जवाबदेही की कोई परंपरा नहीं है। भले ही वह सत्ता के शीर्ष पर की क्यों न हो। उन्होंने अल्माड़ी की विवादित खबर का जिक्र करते हुए लिखा है कि दूसरे देशों में आर्मी चीफ की रिटायरमेंट के बाद नए आर्मी चीफ की नियुक्ति एक नियमित प्रक्रिया के तहत होती है, लेकिन पाकिस्तान में ऐसा नहीं है।

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    सर्जिकल स्ट्राइक ने समीकरण किए खराब

    गौरतलब हैै कि पाकिस्तान के आर्मी चीफ नवंबर में रिटायर होने वाले हैं। वहीं नए आर्मी चीफ के तौर पर पांच नाम भी सामने आ रहे हैं। लेकिन भारत द्वारा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में की गई सर्जिकल स्ट्राइक ने पाक आर्मी चीफ राहिल शरीफ का समीकरण खराब कर दिया है। यही वजह है कि उनकी रिटायरमेंट का लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।

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    सत्ता हथियाने मेंं कामयाब रही है सेना

    पाक सेना और पाक सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए उन्होंने लिखा है कि कहने को तो पाक आर्मी चीफ की नियुक्ति का अधिकार प्रधानमंत्री के पास है, लेकिन इतिहास गवाह है कि पाक सेना किस तरह से सरकार को हटाकर सत्ता हथियाती रही है। इस तरह के वाकये कई बार हुए हैं, जिसका नवाज शरीफ को भी अनुभव है।

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