साधारण जांच से पता चल जाएगा ग्लूकोमा
मोतियाबिंद के बाद ग्लूकोमा अंधेपन का दूसरा सबसे ब़़डा कारण है।
लंदन, एजेंसी। वैज्ञानिकों ने पहली बार जांच की ऐसी तकनीक विकसित की है जो दस साल पहले ही आंखों की बीमारी ग्लूकोमा के बारे में सटीक जानकारी दे देगी। यह नई जांच ग्लूकोमा के कारण दुनियाभर में आंखों की रोशनी गंवाने वाले लाखों लोगों के लिए उम्मीद की एक नई किरण बनकर आई है। मोतियाबिंद के बाद ग्लूकोमा अंधेपन का दूसरा सबसे बड़ा कारण है।
ब्रिटिश शोधकर्ताओं के अनुसार, नई जांच में पार्किंसंस और अल्जाइमर जैसी तंत्रिका तंत्र संबंधी रोगों की प्रारंभिक अवस्था में ही पहचान करने की भी क्षमता है। ग्लूकोमा पी़ि़डत रोगियों में रेटिना की कोशिकाओं के नष्ट होने से आंखों की रोशनी जाने का खतरा रहता है। इसका पता लगाने के लिए डीएआरसी नामक नई तकनीक विकसित की गई है। इससे डॉक्टर कोशिकाओं का जल्दी पता लगाकर उपचार शुरू कर सकते हैं।
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के प्रोफेसर फ्रांसिस्का कार्डिरो ने कहा, नई तकनीक से इस बीमारी के लक्षण जल्द पता चलने से इसका आसानी से उपचार संभव हो सकेगा।
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