नासा ने खोजा, मंगल से कैसे गायब होता है पानी
एक साल तक मंगल यानी लाल ग्रह के वायुमंडल का विश्लेषण करने के बाद नासा के वैज्ञानिकों ने पता लगा लिया है कि वहां से पानी कैसे गायब होता है।
वाशिंगटन, प्रेट्र : एक साल तक मंगल यानी लाल ग्रह के वायुमंडल का विश्लेषण करने के बाद नासा के वैज्ञानिकों ने पता लगा लिया है कि वहां से पानी कैसे गायब होता है। नासा के मावेन मिशन के अनुसार, भाप बनकर पानी हमेशा सीधे अंतरिक्ष में नहीं जाता है।
मंगल ग्रह के वायुमंडल पर मौजूद आधुनिकतम उपकरण अथवा मावेन अंतरिक्ष यान, हाइड्रोजन के निकलने और उसके बाद होने वाली पानी के उतार-चढ़ाव को दर्शाते हैं। इसके अनुसार, सूर्य से बिल्कुल करीब आने की स्थिति में मंगल में सबसे अधिक पानी भाप बनकर उड़ता है। इसके विपरीत जब मंगल सूर्य से सबसे दूर होता है तो पानी के भाप बनने की दर कम हो जाती है।
अंतरिक्ष यान में लगे उपकरणों का यह विश्लेषण बर्कले स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की मावेन टीम ने की है। टीम के सदस्य अली रहमती ने बताया, 'मंगल ग्रह के ऊपरी वायुमंडल से हाइड्रोजन के निकलने के बारे में मावेन हमें अभूतपूर्व जानकारी दे रहा है। यह हमें अरबों वर्षो से वाष्पीकृत होकर निकल रहे पानी की कुल राशि जानने में मदद कर रहा है।'
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।