'स्मॉग फ्री टॉवर' के जरिए चीन अपनी आबोहवा को रखेगा साफ
वायु प्रदूषण से चीन परेशान है। बीजिंग में हवा का शुद्ध रखने के लिए सरकार ने स्मॉग फ्री टॉवर लगाने का फैसला किया है।
बीजिंग(पीटीआई)। साफ हवा के लिए दुनिया कवायद कर रही है। प्रचार-प्रसार से लेकर कानून की मदद से पर्यावरण को साफ रखने की मुहिम चलाई जा रही है। लेकिन हालात में संतोषजनक बदलाव नहीं दिखाई दे रहे हैं। दुनिया के प्रदूषित शहरों में से एक बीजिंग में साफ हवा के लिए चीन सरकार ने एयर प्यूरीफायर लगाने का फैसला किया है। डच इंजीनियर डान रासगार्डे द्वारा डिजाइन की गई एयर प्यूरीफायर को स्मॉग फ्री टॉवर का नाम दिया गया है।
(साभार-डेरिक वांग)
सात मीटर लंबे टॉवर को बीजिंग के 751 डी पार्क आर्ट एरिया में स्थापित किया गया है। स्मॉग फ्री टॉवर 2.5 आकार वाले प्रदूषित कणों के 75 फीसद हिस्से को ये टॉवर अवशोषित कर लेगा। टॉवर की खासियत ये है कि इन प्रदूषित कणों को वो ताजी हवा में बदल देगा। ओजोन फ्री ऑयन टेक्नोलॉजी पर आधारित ये टॉवर प्रति घंटे 30 हजार क्यूबिक मीटर प्रदूषित हवा को साफ करेगा।
(साभार-डेरिक वांग)
अक्टूबर महीने की शुरुआत के साथ ही बीजिंग के आसमान में प्रदूषित हवा की एक परत जमी हुई है। हालात से निपटने के लिए बीजिंग प्रशासन ने मंगलवार को येलो अलर्ट जारी किया था। बीजिंग में 2.5 आकार वाले पर्टिकुलेट मैटर की सीमा 300 के स्तर को पार कर गई थी।
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सीएफइजेड के ल्यू गाउझेंग का कहना है कि टॉवर के जरिए आम लोगों को प्रेरित करना है कि वो शहर के वातावरम को शुद्ध रखने में सहयोग दें। इसके अलावा अधिकारियों और कर्मचारियों को चेतावनी भी है कि वो अपनी जिम्मेदारियों से मुंह न मोड़ सकें। आम लोगों जहां टॉवर को लेकर उत्सुक हैं, वहीं कुछ लोगों का कहना है कि सरकार दिखावा कर रही है। लोगों ने कहा कि इस टॉवर से कोई खास फायदा नहीं होने वाला है।
कलर कोड वार्निंग सिस्टम में प्रदूषण स्तर को चार रंगों के जरिए दिखाया जाता है। रेड कोड सबसे खतरनाक स्तर होता है। आरेंज रेड से कम खतरनाक होता है। येलो कोड को तीसरे स्तर पर रखा गया है। जबकि ब्लू कोड में हवा आमतौर पर साफ रहती है।