पाक की लाख कोशिशों के बावजूद, मून और ओबामा ने नहीं किया कश्मीर का जिक्र
संयुक्त राष्ट्र महासभा में यूएन महासचिव बान की मून और अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा अपने भाषण में कश्मीर का जिक्र न करने से पाकिस्तान को फिर करारा झट ...और पढ़ें

संयुक्त राष्ट्र (जेएनएन)। कश्मीर को लेकर सियासत करने और इसको लगातार अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने की कोशिश करने वाले पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी करारा झटका मिला है। उसकी लाख कोशिशों के बावजूद न तो अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और न ही संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने अपने संबोधन में कश्मीर का कोई जिक्र किया। यूएनजीए में यह बतौर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का आखिरी सत्र था। पाकिस्तान को पूरी उम्मीद थी कि आेबामा के भाषण में कश्मीर का जिक्र जरूर होगा। इसके लिए वह लगातार कोशिशें भी कर रहा था। यह इसलिए भी बेहद खास है क्योंकि इन दोनों ही नेताओं के भाषण में कश्मीर मुद्दा न होने से यह साफ हो गया है कि यूएन और अमेरिका दोनों ही कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा नहीं मानते हैं।
सीरियाई सरकार पर बरसे मून
सत्र के दौरान दिए गए अपने संबोधन में संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने सीरियाई सरकार पर अपने ही लोगों की हत्या का आरोप लगाते हुए लड़ाई खत्म करने की अपील की। उन्होंने सीरिया में आम नागरिकों की मौत के लिए सीधेतौर पर सीरियाई सरकार को दोषी ठहराया और इसके लिए सीधेतौर पर राष्ट्रपति बशर अल असद को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि असद की सेना आस-पड़ोस के नागरिकों पर बम गिरा रही है और उनकी सत्ता का विरोध कर रहे लोगों को प्रताड़ित कर रही है। उन्होंने सीरिया में आम नागरिकों के अलावा अस्पतालों को निशाना बनाए जाने पर भी अपनी कड़ी आपत्ति दर्ज कराई।
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ओबामा की दुनिया के देशों से आपसी सहयोग बढ़ाने की अपील
अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने आखिरी भाषण में ज्यादा खुलेपन और दुनिया के देशों से आपसी सहयोग बढ़ाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि एकीकरण के बेहतर मॉडल और राष्ट्र व संघर्ष के पुराने मॉडल के बीच चुनाव करना होगा। न्यूयार्क में विश्व के नेताओं को संबोधित करते हए राष्ट्रपति ओबामा ने चेतावनी दी कि वैश्वीकरण के फायदों की समान साझेदारी ना होने पर कट्टरपंथ और घृणा बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि दुनिया अब संरक्षणवाद और अलगाववाद की तरफ नहीं लौट सकती है क्योंकि जिन देशों ने दीवारें खड़ी कीं उन्होंने खुद को घिरा हुआ पाया। राष्ट्रपति ओबामा ने कहा कि हमें शरणार्थियों की और मदद करने की ज़रूरत है।

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