आतंकियों की धमकी के बाद भी नहीं चेता स्पेन और हो गया बड़ा हमला
बर्सिलोना में हमले को लेकर आतंकियों ने पहले ही धमकी दे दी थी, इसके बाद भी वहां की सरकार इस हमले को रोक पाने में नाकाम रही।
नई दिल्ली (स्पेशल डेस्क)। यूरोप काफी समय से आतंकियों के निशाने पर है। पिछले कुछ वर्षों में यूरोप के देश लगातार आतंकी हमलों की त्रासदी झेल रहे हैं। इन हमलों से न तो इंग्लैंड अछूता रहा है न ही फ्रांस, बेल्जियम, ग्रीस, तुर्की और इटली। अब स्पेन एक बार फिर आतंकियों के निशाने पर आ गया है। गुरुवार रात यहां के दूसरे सबसे बड़े शहर बर्सिलोना में आतंकवादी ने तेज गति की वैन से कई लोगों को कुचल दिया।
कुचलने के बाद आतंकी मौके से भाग निकलने में भी सफल रहा। इस हमले में 13 लोगों के मारे जाने और करीब 100 लोगों के घायल होने की खबर है। पुलिस ने इसे आतंकी हमला बताया है। यह घटना शहर के ला रामला इलाके में हुई। यह पहला मौका नहीं है कि जब यूरोप में आतंकियों ने किसी गाड़ी को अपने खतरनाक मकसद के लिए इस्तेमाल किया हो। इससे पहले नीस, बर्लिन, बेल्जियम और इंग्लैंड में भी आतंकी इसी तर्ज पर हमले कर चुके हैं।
यूरोप की तरफ लगातार बढ़ रहा है आईएस
वहीं दूसरी चीज यह भी है कि इस हमले को लेकर आतंकियों की तरफ से पहले ही धमकी दी जा चुकी थी। इसको लेकर आतंकियों ने कई जगह पोस्टर भी लगाए थे। इसके बाद भी पुलिस और खुफिया तंत्र बर्सिलोना के हमले को रोक पाने में आखिर क्यों नाकाम रहे। एक बड़ा सवाल यह भी है कि यूरोप में पूर्व में हुए हमलों से आखिर स्पेन ने कोई सबक क्यों नहीं लिया। इस बारे में Jagran.Com से बात करते हुए सीरिया के वरिष्ठ पत्रकार डॉक्टर वईल अवाद ने कहा कि आईएसआईएस लगातार अपनी विचारधार को यूरोप की तरफ बढ़ा रहा है। ऐसा इसलिए भी संभव हो पा रहा है, क्योंकि यूरोप के कई देशों में विस्थापितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यह आईएसआईएस के लिए बेहद सॉफ्ट टारगेट बन गए हैं।
अपनी विचारधारा को फैला रहा आईएस
अवाद का कहना था कि आईएसअाईएस अपने मकसद को अंजाम देने के लिए विस्थापितों के रूप में आतंकियों को यूरोप के विभिन्न देशों में भेजने में भी कामयाब रहा है। यह आतंकी वहां पर इस तरह के हमलों को अंजाम देने के अलावा इस संगठन की विचारधारा को फैलाने में कहीं न कहीं कामयाब हो रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या आतंकियों ने अपने हमला करने की रणनीति में बदलाव किया है। उनका कहना था कि ऐसा नहीं है। आतंकियों को सिर्फ ज्यादा से ज्यादा लोगों को मारने की ट्रेनिंग दी जाती है। इसके लिए बड़ी लॉरी सबसे मुफीद हथियार बन गया है, जिस पर ध्यान जाना थोड़ा मुश्किल जरूर होता है और आतंकी अपने मकसद में कामयाब हो जाते हैं।
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लोन वुल्फ अटैक
स्पेन हमले को लेकर रक्षा विशेषज्ञ और पूर्व मेजर जनरल पीके सहगल भी कुछ ऐसा ही मानते हैं। उन्होंने बर्सिलोना में हुए आतंकी हमले को लोन वुल्फ अटैक बताया है, जिसमें किसी बड़े संगठन की भूमिका कम होती है। इस तरह का हमला कोई एक आतंकी ही अंजाम देता है, जिसको पकड़ पाना काफी मुश्किल होता है। ऐसे आतंकी भीड़-भाड़ वाली जगह का चुनाव करके हमले को अंजाम देते हैं। सहगल का यह भी कहना है कि आईएसआईएस प्रमुख बगदादी ने पिछले वर्ष ही अपने आतंकियों को कहा था कि वह सीरिया या इराक न आएं, बल्कि जहां हैं उसी देश में रहकर लोगों पर हमले को अंजाम दें।
गोलीबारी की भी खबर
इस हमले के बाद यहां के ला बोकेरिया मार्केट क्षेत्र में स्थित बार में भी कुछ बंदूकधारियों के घुसे होने और गोलीबारी करने की भी खबर आई। इन दोनों घटनाओं के बाद पुलिस ने पूरे इलाके को सील कर दिया। इस इलाके में मौजूद ट्रेन और मेट्रो स्टेशन को भी बंद कर दिया गया। इस बीच स्पेन के प्रधानमंत्री मारियानो रेजॉय ने हमले की पुष्टि की और कहा कि वह अधिकारियों के संपर्क में हैं। अभी हमले के शिकार हुए लोगों की तरफ ध्यान देना प्राथमिकता है।
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स्पेन में टूरिस्ट सीजन
यहां आपको बता देना जरूरी होगा कि स्पेन में यह टूरिस्ट सीजन है। इस दौरान स्पेन में काफी संख्या में विदेशी पर्यटक भी आते हैं। कई बार इस सीजन में पर्यटकों की संख्या एक करोड़ के भी पार निकल जाती है। पिछले वर्ष भी आईएसआईएस ने अपने आतंकियों से स्पेन में पर्यटकों को निशाना बनाने की बात कही थी। इसमें संगठन ने बार, कॉफी एरिया, नाइटक्लब को निशाना बनाने का आदेश दिया गया था।
पहले भी हमले के लिए किया गया वाहन का इस्तेमाल
यूरोप में बीते कुछ वर्षों में हुए हमलों पर यदि निगाह डालेंगे तो यह साफ पता चलता है कि आतंकियों ने पिछले कुछ हमलों को ठीक ऐसे ही अंजाम दिया है, जैसे उन्होंने गुरुवार रात के हमले को अंजाम दिया। इस हमले में आतंकी ने तेज गति के वाहन से लोगों को कुचल दिया था। दिसंबर 2014 में फ्रांस के शहर नांटेस में भी एक आंतकी ने तेज गति के वाहन से दस लोगों को कुचल दिया था। इसके बाद 14 जुलाई 2016 को फ्रांस के शहर नीस में बैस्टील के मौके पर सड़क पर जमा हुए लोगों को एक आतंकी ने अपने ट्रक से कुचल दिया था। इस हमले में करीब 86 लोगों की मौत हो गई थी। बाद में इस ड्राइवर को पुलिस ने मार गिराया था। दिसंबंर 2016 में बर्लिन हमले में करीब 12 लोगों की मौत हुई थी। नीस समेत बर्लिन, लंदन और स्टॉकहोम में हुए ऐसे आतंकी हमलों में अब तक करीब 100 लोगों की मौत हो चुकी है।
2004 में हुआ था बड़ा आतंकी हमला
ऐसा नहीं है कि स्पेन में यह सब पहली बार देखने को मिला है। मार्च 2004 के हमले में राजधानी मेड्रिड में करीब 191 लोग मारे गए थे। इस हमले को अलकायदा से जुड़े आतंकियों ने अंजाम दिया था। आतंकियों ने इस हमले में एक ट्रेन को निशाना बनाया था, जिसमें 1800 से अधिक लोग घायल भी हुए थे। मई में स्पेन में पुलिस ने दो लोगों को मेड्रिड से गिरफ्तार किया था। यह दोनों ही मोरक्को नागरिक हैं। इनमें से एक ने बड़ी लॉरी चलाने के लिए लाइसेंस का आवेदन भी किया था। इसके अलावा उस पर ऑनलाइन के जरिए आईएसआईएस से जुड़ी सामग्री को शेयर करने का आरोप है। इससे पहले दिसंबर में भी पुलिस ने एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया था जो नीस की तर्ज हमला करने की योजना बना रहा था। वर्ष 2015 में जहां फ्रांस में 424 संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया गया था, वहीं स्पेन में अकेले यह संख्या करीब 187 थी।
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