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    आइएस ने दिया अमेरिकी जवानों का पता, कहा- ढूंढ़ कर मारो

    By Sanjay BhardwajEdited By:
    Updated: Mon, 23 Mar 2015 10:59 AM (IST)

    आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) के हैकिंग डिवीजन का दावा करने वाले एक गुट ने अमेरिकी सेना के सौ जवानों के नाम-पते और फोटो जारी कर समर्थकों से उनको ढूंढ़-ढूंढ़ कर मारने का आह्वान किया है।

    वाशिंगटन। आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) के हैकिंग डिवीजन का दावा करने वाले एक गुट ने अमेरिकी सेना के सौ जवानों के नाम-पते और फोटो जारी कर समर्थकों से उनको ढूंढ़-ढूंढ़ कर मारने का आह्वान किया है।

    ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखने वाली संस्था साइट इंटेलीजेंस की ओर से रविवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि आइएस आतंकियों ने इन अमेरिकी जवानों (सेना, वायुसेना और नौसेना) से जुड़ी जानकारी कथित तौर पर वेबसाइट को हैक कर जुटाई है। आतंकियों ने जवानों की रैंक के बारे में भी सूचनाएं सार्वजनिक कर दी हैं।

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    आइएस के हैकिंग डीविजन का दावा है कि उसने सरकारी सर्वर, डाटाबेस और ईमेल को हैक कर उनके बारे में जानकारी इकट्ठा की।

    हैकरों के अनुसार इन जवानों ने इराक, सीरिया और यमन में आइएस आतंकियों को निशाना बनाया था। रक्षा मंत्रालय और एफबीआइ अधिकारियों ने घटना की जांच करने की बात कही है।

    एक रक्षा अधिकारी ने आतंकियों के दावों पर संदेह जताते हुए न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया, अधिकांश जानकारी पहले ही सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध है, इसलिए सरकारी सर्वर हैक करने का दावा सही नहीं लगता।

    इस बीच अमेरिकी मरीन फोर्स ने सैन्यकर्मियों का विवरण गुप्त रखने को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत बताई है।

    ब्रिटेन के नौ मेडिकल छात्र आइएस से जुड़े

    आइएस में शामिल होने के लिए सूडान में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे ब्रिटेन के पांच छात्र और चार छात्राओं के एक सप्ताह पहले सीरिया जाने की खबर है। सभी की उम्र 20 वर्ष बताई जा रही है।

    ब्रिटिश अखबार द टेलीग्राफ ने इनकी पहचान लीना मौमून अब्दुल कादिर, नादा सैमी कादिर, रोवन कमान जिने अल-अबिदीन, तस्नीम सुलेमान हुसैन, इस्माइल हमादाऊं, तामेर अहमद एबु सिबाह, मुहम्मद उस्माना बदरी, हिशाम मुहम्मद फदलल्हाह और सैमी अहमद कादिर के तौर पर की है। सभी छात्र 12 मार्च को इस्तांबुल पहुंचे थे और अगले दिन आइएस के नियंत्रण वाले सीरियाई क्षेत्र में प्रवेश किया।

    माना जा रहा है कि इनके साथ अमेरिकी और कनाडाई मूल के दो सूडानी छात्र भी सीरिया गए हैं। एक अन्य समाचारपत्र 'ऑब्जर्वर' में छात्रों के माता-पिता ने उनके तेल अब्यद के एक अस्पताल में काम करने की आशंका जताई है।

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