ईरान-अफगानिस्तान मिलकर चलाएंगे आइएस के खिलाफ अभियान
अफगानिस्तान में पैठ बनाने में जुटे इस्लामिक स्टेट (आइएस) के खिलाफ ईरान और अफगानिस्तान मिलकर अभियान चलाएंगे। दोनों देश एक दूसरे को सुरक्षा में सहयोग देने के साथ संयुक्त सैन्य अभियान में भी शामिल होंगे। रविवार को दोनों देशों ने यह घोषणा की।
तेहरान। अफगानिस्तान में पैठ बनाने में जुटे इस्लामिक स्टेट (आइएस) के खिलाफ ईरान और अफगानिस्तान मिलकर अभियान चलाएंगे। दोनों देश एक दूसरे को सुरक्षा में सहयोग देने के साथ संयुक्त सैन्य अभियान में भी शामिल होंगे। रविवार को दोनों देशों ने यह घोषणा की।
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी दो दिवसीय यात्रा पर ईरान आए हैं। ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी के साझा पत्रकार सम्मलेन में गनी ने कहा कि क्षेत्र में हो रही ¨हसक घटनाओं के मद्देनजर हमें सूचनाएं साझी करनी चाहिए।
उनका यह बयान ऐसे समय आया है, जब शनिवार सुबह अफगानिस्तान में हुए आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी आइएस ने ली है। अफगानिस्तान के पूर्वी प्रांत नांगरहार की राजधानी जलालाबाद में हुए इस हमले में 35 लोगों की मौत हो गई थी और 125 से अधिक घायल थे। अफगानिस्तान में यह पहला आतंकी हमला है, जिसकी जिम्मेदारी आइएस ने ली थी।
आइएस ने भले ही अफगानिस्तान में अपनी मौजूदगी की बात औपचारिक रूप से स्वीकार नहीं की हो, लेकिन अफगानी राष्ट्रपति ने अपने देश में इस आतंकी संगठन के घुसपैठ की बात बार-बार दोहराई। पूर्व वित्त मंत्री और विश्व बैंक टेक्नोक्रेट गनी ने कहा, 'आइएस की उपस्थिति एक गंभीर खतरा है। जनता रोज मर रही है। हम बर्बरता का सामना कर रहे हैं। बिना सहयोग इसका अंत संभव नहीं है।'
रूहानी ने कहा, 'क्षेत्र, विशेषकर सीमाई इलाकों में आतंकवाद, ¨हसा और चरमपंथ के खिलाफ लड़ाई में हम भविष्य में सहयोग के लिए तैयार हैं। हमें सूचना साझा करने की जरूरत है। जरूरत पड़ने पर अभियान में सहयोग किया जाएगा।' हालांकि दोनों नेताओं ने यह नहीं बताया कि आइएस का सामना करने के लिए वे क्या करेंगे।
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