चाबहार पर भड़का चीन, बोला-ग्वादर का जवाब है ये प्रोजेक्ट
सरकार समर्थित चीनी मीडिया ने भारत और ईरान के बीच हुए चाबहार बंदरगाह समझौते को पाकिस्तान-चीन की संयुक्त ग्वादर परियोजना का जवाब करार दिया है।

बीजिंग, प्रेट्र। भारत और ईरान के बीच चाबहार बंदरगाह को लेकर समझौते से चीन परेशान है। सरकार समर्थित चीनी मीडिया ने भारत के इस समझौते को पाकिस्तान-चीन की संयुक्त ग्वादर परियोजना का जवाब करार दिया है।
ग्लोबल टाइम्स समाचारपत्र ने मंगलवार को लिखा, 'चाबहार प्रोजेक्ट भारत की भू-रणनीतिक आकांक्षाओं का नमूना भर है। बंदरगाह बनाने और चाबहार को विकसित करने से उत्तर-पश्चिम क्षेत्रों में भारत की पैठ बढ़ सकती है। इसके अलावा मध्य-पूर्व, मध्य एशिया और काकेशस में भी नई दिल्ली का प्रभाव बढ़ेगा। आर्थिक हितों के अलावा भारत की बढ़ती महत्वाकांक्षाओं को आसानी से समझा जा सकता है। पाकिस्तान के जरिये भारत कम खर्च और कम समय में अफगानिस्तान और मध्य एशिया तक अपनी पहुंच बना सकता है, लेकिन इस्लामाबाद इसके लिए तैयार नहीं है।' भारत 400 मिलियन डॉलर (2,670 करोड़ रुपये) की लागत से चाबहार को विकसित करेगा।
अखबार के मुताबिक, चाबहार प्रोजेक्ट से इस क्षेत्र में पाकिस्तान का आर्थिक और राजनीतिक प्रभाव कम हो जाएगा। पाकिस्तान का ग्वादर बंदरगाह चाबहार से महज 72 किलोमीटर पूर्व में स्थित है। चीन ग्वादर को शिनजियांग से जोड़ने के लिए 46 अरब डॉलर की लागत वाली महत्वाकांक्षी परियोजना पर काम कर रहा है।
अखबार का यह भी मानना है कि इस परियोजना से भारत को काफी उम्मीदें हैं। फिर भी ईरान हमेशा के लिए भारत का साथ नहीं दे सकता क्योंकि तेहरान के हितों के लिए चीन की भूमिका भी अहम है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर भारत ईरान से ज्यादा उम्मीदें पालता है तो उसे निराशा ही हाथ लगेगी।

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