चाबहार के बाद अब बांग्लादेश के प्यारा बंदरगाह पर भारत की नजर
ईरान में ऐतिहासिक चाबहार बंदरगाह के बाद अब भारत सरकार की नजर बांग्लादेश के रणनीतिक लिहाज से अहम प्यारा बंदरहाग पर नजर टिकी हुई है।

मुंबई, प्रेट्र। रणनीतिक तौर पर काफी महत्वपूर्ण ईरान के चाबहार बंदरगाह के बाद अब भारत सरकार की नजर इसी तरह के बेहद अहम बांग्लादेश के प्यारा बंदरगाह पर भारत अपनी नजर टिकाए हुए है।जहाजरानी मंत्रालय की तरफ से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि जेएनपीटी और कांडला पोर्ट फॉर ओवरसीज के संयुक्त उपक्रम इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल ने बांग्लादेश के इस प्यारा बंदरगाह में अपनी रुचि जाहिर की थी। जिसके बाद उसके निर्माण के लिए बांग्लादेश की तरफ से आमंत्रित किया गया है।
केन्द्रीय जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने कहा- “बांग्लादेश और हमारे मंत्रालय के बीच बातचीत जारी है।” हालांकि, उन्होंने बंदरगाह के जगह के बारे में कुछ भी नहीं बताया है।
मीडिया की ख़बर के मुताबिक, फरवरी महीने में ये कहा गया कि चीन ने प्यारा बंदरगाह के निर्माण में गहरी रुचि दिखाई थी। लेकिन, भारत-बांग्लादेश के गहरे होते संबंध के चलते चीन को ना देकर इसे नई दिल्ली को देने का फैसला किया है।
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नरेन्द्र मोदी की सरकार एक्ट ईस्ट पालिसी की बात करती है जबकि पिछली सरकार बिल्कुल विपरीत लुक ईस्ट पालिसी की बात करती थी। ऐसे में पश्चिम में ईरान में समुद्री बुनियादी ढांचे के निर्माण और पूरब में बांग्लादेश में प्यारा बंदरगाह का निर्माण मोदी की रणनीति का एक हिस्सा हो सकता है।
भारत सरकार का ये कदम चीन के उस बात का जवाब भी माना जा रहा है जो श्रीलंका के कोलंबो और पाकिस्तान के ग्वादर में बंदरगाह का निर्माण कर रहा है। जारी बयान में कहा गया है कि जहाजरानी मंत्रालय राष्ट्रीय और रणनीतिक हितों को देखते हुए बेहद करीब से प्यारा बंदरगाह के विकसित किए जाने को लेकर लेकर नजर रखे हुए हैं।

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