भारत और पाकिस्तान बातचीत से कश्मीर समस्या का हल निकालें
यह बात गुरुवार को तुर्की के राष्ट्रपति रीसेप तैयप एर्दोगेन ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात के बाद कही। वह इन दिनों पाकिस्तान के दौरे पर हैं।
इस्लामाबाद, प्रेट्र : भारत और पाकिस्तान की तनातनी में कश्मीरी लोग परेशान हो रहे हैं। वहां पर हो रही घटनाएं आत्मा को चोट पहुंचाने वाली हैं। उनकी लंबे समय तक अनदेखी नहीं की जानी चाहिए। इसलिए दोनों देश बातचीत के जरिये कश्मीर समस्या का निदान करें। यह बात गुरुवार को तुर्की के राष्ट्रपति रीसेप तैयप एर्दोगेन ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात के बाद कही। वह इन दिनों पाकिस्तान के दौरे पर हैं।
संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में एर्दोगेन ने कहा कि उनकी प्रधानमंत्री शरीफ से कश्मीर की स्थिति पर बात हुई है। नियंत्रण रेखा पर भारत और पाकिस्तान के बीच चल रही तनातनी से कश्मीरी भाई-बहनों को दिक्कतें हो रही हैं। इसकी लंबे समय तक अनदेखी नहीं होनी चाहिए। कश्मीर एक मुश्किल मुद्दा है लेकिन दोनों देशों को इसे बातचीत के जरिये सुलझाना चाहिए। इससे पहले प्रधानमंत्री शरीफ ने तुर्की के राष्ट्रपति को बताया कि कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बल आमजनों का उत्पीड़न कर रहे हैं और बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों का हनन हो रहा है।
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एर्दोगेन ने जुलाई महीने में तुर्की में हुई तख्तापलट की कोशिश में चुनी हुई सरकार का पक्ष लेने के लिए पाकिस्तान को धन्यवाद दिया। एर्दोगेन ने तख्तापलट की कोशिश के लिए एक बार फिर से फेतुल्लाह टेरर ऑर्गनाइजेशन (फेटो) को जिम्मेदार ठहाराया और कहा कि दुनिया के देश उसके प्रति सजग रहें। उन्होंने पाकिस्तान के उस कदम का स्वागत किया जिसमें उसने फेटो से संबंध रखने वाले स्कूलों के सैकड़ों शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को देश से बाहर निकाला है। गुरुवार को ही पाकिस्तान सरकार के फैसले के विरोध में चार सौ शिक्षक और अन्य कर्मी इस्लामाबाद हाई कोर्ट पहुंच गए। उन्होंने सरकार के निर्णय और आरोपों को गलत बताते हुए देश से निकालने के फैसले को रद करने की मांग की।
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