शरीफ वार्ता को राजी, इमरान-कादिर इस्तीफे पर अड़े
पाकिस्तान की नवाज शरीफ सरकार तहरीक-ए-इंसाफ [पीटीआइ] के मुखिया इमरान खान और अवामी तहरीक के प्रमुख ताहिर उल कादरी के साथ संवैधानिक मांगों पर चर्चा के लिए तैयार है। सरकार ने इसके लिए समितियां गठित कर दी हैं। लेकिन, दोनों नेता शरीफ के इस्तीफे पर अड़े हुए हैं। उन्होंने वार्ता प्रस्ताव पर हामी नहीं भरी है। इमरान ने शरीफ सरकार पर दबाव बढ़ाने के लिए पार्टी के सांसदों और विधायकों को इस्तीफा देने को कहा है।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की नवाज शरीफ सरकार तहरीक-ए-इंसाफ [पीटीआइ] के मुखिया इमरान खान और अवामी तहरीक के प्रमुख ताहिर उल कादरी के साथ संवैधानिक मांगों पर चर्चा के लिए तैयार है। सरकार ने इसके लिए समितियां गठित कर दी हैं। लेकिन, दोनों नेता शरीफ के इस्तीफे पर अड़े हुए हैं। उन्होंने वार्ता प्रस्ताव पर हामी नहीं भरी है। इमरान ने शरीफ सरकार पर दबाव बढ़ाने के लिए पार्टी के सांसदों और विधायकों को इस्तीफा देने को कहा है।
गृह मंत्री चौधरी निसार ने सोमवार को कहा, सद्भावनापूर्ण माहौल में हम संवैधानिक मांगों पर चर्चा के लिए तैयार हैं। दोनों समितियों में सभी बड़े राजनीतिक दलों के सदस्यों को शामिल किया गया है। आंदोलनरत नेताओं के साथ समितियां मंगलवार को चर्चा करेंगी। गृह मंत्री ने हालांकि चेतावनी भी दी कि किसी को भी अति सुरक्षा वाले रेड जोन में घुसने की इजाजत नहीं दी जाएगी। इस बीच, सेना प्रमुख जनरल राहिल शरीफ ने पंजाब के मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ और गृह मंत्री निसार अली खान से रावलपिंडी में मुलाकात की है।
सरकार ने इमरान के नागरिक अवज्ञा आंदोलन और कादरी के 48 घंटे के अल्टीमेटम के बाद यह घोषणा की। लाहौर के आजादी मार्च में इमरान ने अपने समर्थकों से कहा, 'प्रधानमंत्री शरीफ को हटाने का एक ही रास्ता बचा है। अब हम टैक्स नहीं भरेंगे, बिजली, पानी और गैस के बिल भी नहीं देंगे। साथ ही खैबर पख्तूनख्वा को छोड़कर हमारे सभी सांसद एवं विधायक इस्तीफा देंगे।' उन्होंने कहा, मैं लंबे समय तक समर्थकों को शांत नहीं रख सकता। इसलिए देश हित में शरीफ को इस्तीफा दे देना चाहिए। उधर, कादरी ने भी एलान किया कि वह प्रांतों की राजधानी में भी प्रदर्शन शुरू करेंगे। उन्होंने इमरान समर्थकों को अपना भाई बताया।
अदालत ने हस्तक्षेप से किया इन्कार
पाकिस्तान में चल रही राजनीतिक उठापटक में हस्तक्षेप करने से सुप्रीम कोर्ट ने इन्कार कर दिया है। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कामरान मुर्तजा की याचिका पर अदालत ने कहा कि यह काम सरकार का है और उसे ही करने देना चाहिए।
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