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हिंसक झड़प में खालिदा के चार समर्थकों की मौत

बांग्लादेश के विवादित चुनावों को लेकर सोमवार को आयोजित प्रदर्शन हिंसक हो गए। शेख हसीना की अगुआई वाले सत्ताधारी दल अवामी लीग और खालिदा जिया की अगुआई वाले प्रमुख विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) समर्थकों के बीच झड़प में चार लोगों की जान चली गई। अलग-अलग स्थानों पर हुई

By Kamal VermaEdited By: Published: Mon, 05 Jan 2015 07:54 PM (IST)Updated: Mon, 05 Jan 2015 08:47 PM (IST)

ढाका। बांग्लादेश के विवादित चुनावों को लेकर सोमवार को आयोजित प्रदर्शन हिंसक हो गए। शेख हसीना की अगुआई वाले सत्ताधारी दल अवामी लीग और खालिदा जिया की अगुआई वाले प्रमुख विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) समर्थकों के बीच झड़प में चार लोगों की जान चली गई। अलग-अलग स्थानों पर हुई झड़पों में कम से कम 200 लोग घायल भी हुए हैं। मारे गए लोग बीएनपी कार्यकर्ता बताए गए हैं।

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प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक नाटोर जिले में बीएनपी और अवामी लीग के जुलूसों का आमना-सामना होने पर हिंसा भड़क उठी। विवादास्पद चुनाव की पहली वर्षगांठ पर रैलियों और हिंसा की आशंका में पुलिस ने रविवार शाम से ही ढाका में बैठकों, जुलूसों और रैलियों पर अनिश्चितकालीन प्रतिबंध लगा दिया था। राजधानी से जुड़े मुख्य मार्ग और जलमार्ग भी बंद कर दिए गए हैं। बीएनपी और इसके सहयोगी जमाते इस्लामी के करीब 600 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है। किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए अर्धसैनिक सीमा रक्षक बांग्लादेश के सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं।

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क्या है मामला

एक साल पहले हुए संसदीय चुनावों का विपक्षी दलों ने बहिष्कार किया था। विपक्षी गठबंधन गैर-दलीय कार्यवाहक सरकार के अधीन नया चुनाव कराने की मांग कर रहा है। इसी मुद्दे पर दोनों पक्षों ने पांच जनवरी को रैली का आह्वान किया था। बीएनपी ने इसे 'लोकतंत्र हत्या दिवस' का नाम दिया है, जबकि शेख हसीना की पार्टी इसे विजय दिवस के रूप में मनाना चाहती है।

जिया अब भी नजरबंद

बीएनपी की प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को अब भी उनके गुलशान स्थित कार्यालय में नजरबंद करके रखा गया है। शनिवार से ही उनके दफ्तर को महिला पुलिसकर्मियों सहित सुरक्षाबलों ने घेर रखा है। खालिदा का कहना है कि सरकार को डर है कि जनता उनके साथ हो जाएगी। इस सरकार ने पूरे राष्ट्र को बंधक बना लिया है। उन्होंने देश में अनिश्चितकालीन बंद का आह्वान किया है। प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कार्यालय में रुके रहने के जिया के फैसले को नाटक करार देते हुए कहा कि वे चाहें तो घर जा सकती हैं।


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