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    नाइट क्लब पर हुए हमले के बाद अमेरिका में हथियार कानून पर छिड़ी बहस

    By Sachin BajpaiEdited By:
    Updated: Mon, 13 Jun 2016 11:12 PM (IST)

    नाइट क्लब में हुए आतंकी हमले के बाद अमेरिका में नई बहस छिड़ गई है। सीनेटरों का कहना है कि शस्त्र कानून की समीक्षा करने की जरूरत है। ...और पढ़ें

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    वाशिंगटन, प्रेट्र: फ्लोरिडा प्रांत के ऑरलैंडो में समलैंगिक नाइट क्लब पर हमले की जिम्मेदारी इस्लामी आतंकी संगठन आइएस ने ली है। एक रेडियो प्रसारण में आइएस ने कहा कि मतीन पैगंबर का सिपाही था, उसने अपना काम कर दिया। उधर ऑरलैंडो में दूसरे दिन भी मातम छाया रहा। पोप, संयुक्त राष्ट्र के साथ विश्र्व के अनेक देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने हमले की निंदा की है इनमें भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी शामिल हैं।

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    ऑरलैंडों घटना इस्लामिक आतंकवाद का गवाह : डोनाल्ड ट्रंप

    तमाम घटनाक्रम के मध्य अमेरिकी सीनेटरों में बहस छिड़ गई है कि अमेरिका में शस्त्र लाइसेंस देने और घातक हथियार बेचने के नियम इतने उदार क्यों हैं? इसके साथ आतंकवाद से संघर्ष एवं घरेलू आतंकवाद पैदा होने के मुद्दे पर भी अनेक स्तरों पर गंभीर चिंतन की आवश्यकता बताई जा रही है। सांसदों ने नियम कड़े करने के लिए अभियान चलाने का निर्णय किया है।

    फ्लोरिडा के सीनेटर मार्को रुबियो ने कहा, कानून और व्यवस्था के लिए घरेलू स्तर पर उपजी चुनौतियां गंभीर हो रही हैं। अमेरिकी सदन के स्पीकर पॉल र्यान ने कहा, हम इस्लामी आतंकियों से संघर्ष कर रहे हैं, देश में घृणात्मक विचारधारा को बढ़ावा देने की कोशिश हो रही है। सांसद रॉबर्ट सी बॉबी स्कॉट ने बंदूक नियंत्रण कानून को सख्त किए जाने की मांग की है। बंदूक की हिंसा को नियंत्रित करने के लिए हमें हर संभव प्रयास करने होंगे। जरूरत है सार्थक , कारगर कदमों की। सीनेटर टॉम कार्पर का कहना था कि अमेरिका को आतंकवाद से होने वाले खतरे से निपटने के लिए सतर्क रहना होगा। सीनेटर जॉन मैक्केन का विचार है कि त्रासदियों से हमने बहुत कुछ सीखा है, आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने के लिए हमें प्रतिबद्धता दिखानी होगी। सीनेट की खुफिया चयन समिति के सदस्य सुसान कोलिंस ने ताजा हमले से एक बार फिर साबित हो गया है कि अमेरिका अभी आतंकवाद के खतरे से मुक्त नहीं हो पाया है।

    मैंने पहले ही चेतावनी दी थी:ट्रंप

    अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने ऑरलैंडो हत्याकांड के बाद राष्ट्रपति बराक ओबामा से इस्तीफा देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मैंने मुस्लिम कट्टवाद के खिलाफ पहले भी चेतावनी दी थी लेकिन प्रशासन की ओर से कोई एहतियाती कदम नहीं उठाया गया। यह ओबामा प्रशासन की विफलता का ही प्रमाण है कि देश को एक बार फिर त्रासदी झेलनी पड़ी है।

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