हथियारों और आपसी टकराव से पुराना नाता रहा है उत्तर कोरिया का
उत्तर कोरिया जिसका हमेशा विवादों से गहरा नाता रहा है, हाइड्रोजन बम का परीक्षण करने के बाद वह एक बार फिर खबरों में हैं। माना यह जाता है कि उत्तर कोरिया का टकराव होता तो दक्षिण कोरिया के साथ है लेकिन हकीकत कुछ और है
नई दिल्ली। उत्तर कोरिया जिसका हमेशा विवादों से गहरा नाता रहा है, हाइड्रोजन बम का परीक्षण करने के बाद वह एक बार फिर खबरों में हैं। माना यह जाता है कि उत्तर कोरिया का टकराव होता तो दक्षिण कोरिया के साथ है लेकिन हकीकत यह है कि वह दक्षिण कोरिया के जरिए अमेरिका को भी उकसाता है और उसे दिशा-निर्देश देने वाला चीन ही है जो कि प्रशांत महासागर में एक छत्र राज करना चाहता है।
उत्तर कोरिया ने 1994 तक एक सक्रिय परमाणु हथियार कार्यक्रम पर कार्य करना शुरू कर दिया था लेकिन तभी उसने इसी वर्ष सभी परमाणु से संबंधित सभी गतिविधियों पर रोक लगाने के एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। लेकिन दिसंबर, 2002 में उसने यॉंगब्यॉन में एक बार फिर अपने परमाणु संयंत्र की शुरुआत कर दी और संयुक्त राष्ट्र के दो परमाणु निरीक्षकों को देश से वापस जाने के लिए मजबूर कर दिया।
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ऐसे ही कुछ विवाद जिनके कारण उत्तर कोरिया हमेशा ही किसी ना किसी रूप में विवादों में रहा है, को निम्न बिदुंओं द्वारा समझा जा सकता है:-
- अमरीका और उत्तर कोरिया के बीच भी विवाद और संबंध तब से बिगड़े हैं जब जनवरी 2002 में तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने उत्तर कोरिया को ‘दुष्टता की धुरी का एक हिस्सा’ बताया था।
- उसके बाद के अक्तूबर 2002 में तनाव और बढ़ गया जब अमरीका ने उत्तर कोरिया पर एक गोपनीय, यूरेनियम से जुड़ा परमाणु हथियार कार्यक्रम चलाने का आरोप लगाया।
- उत्तर कोरिया ने पहली बार 2006 में और अंतिम बार अक्टूबर, 2013 में परमाणु परीक्षण किया था।
- उत्तर कोरिया ने 4 जुलाई 2007 को उत्तर कोरिया ने सात बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं जिसका भी रूस, अमेरिका, चीन समेत कई देशों ने विरोध किया था और तनाव ना बढाने की हिदायत दी थी।
- उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया सीमा विवाद को लेकर भी हमेशा उलझते रहे हैं। 2010 में ही उत्तर कोरिया पर दक्षिण कोरिया की विवादग्रस्त सीमा के पास युद्धपोत पर तारपीडो से हमले का आरोप लगा था। तब उत्तर कोरियाई पनडुब्बी ने मार्च में दक्षिण कोरिया के युद्ध पोत को डुबो दिया था जिसमें 46 लोग मारे गए थे।
- तानाशाह किम जोंग कई बार साउथ कोरिया पर सबरमरीन आक्रमण की भी पूरी तैयारी कर चुके थे तब उन्होंने कई सबमरीन तैनात भी कर दी थी जिससे दोनों देशों के बीच विवाद और गहरा गए थे।
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