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    उत्तर कोरिया ने किया 'एच-बम' का परीक्षण, UN प्रमुख ने जताया एतराज

    By Abhishek Pratap SinghEdited By:
    Updated: Wed, 06 Jan 2016 09:13 PM (IST)

    उत्तर कोरिया ने हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया है जिसकी वजह से वहां भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। पहले इस बात पर संशय बना हुआ था कि ये वाकई में भूकंप आया है या फिर परमाणु परीक्षण किया गया है। खुद उत्तर कोरिया ने इस बात का दावा

    प्योंगयांग। उत्तर कोरिया ने हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया है जिसकी वजह से वहां भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। पहले इस बात पर संशय बना हुआ था कि ये वाकई में भूकंप आया है या फिर परमाणु परीक्षण किया गया है। खुद उत्तर कोरिया ने इस बात का दावा किया है कि उसे अपने पहले हाइड्रोजन बम बनाने में सफलता मिल गई है।

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    उत्तर कोरिया द्वारा हाइड्रोजन बम परीक्षण पर संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख ने उत्तर कोरिया से कहा कि अागे किसी भी एेसी परमाणु गतिविधियों में न शामिल हों जिससे संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हो।

    नॉर्थ कोरिया के सरकारी टीवी चैनल ने इस बात की पुष्टि भी कर दी है कि हाइड्रोजन बम का परीक्षण सुबह 10 बजे किया गया था। चैनल ने आगे कहा कि इस ऐतिहासिक हाइड्रोजन बम के परीक्षण में पूर्ण सफलता हासिल करने के साथ ही हम एडवांस परमाणु क्षमता वाले देशों की श्रेणी में पहुंच गए हैं।

    इससे पहले अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण ने नॉर्थ कोरिया में 5.1 तीव्रता के भूकंप की बात कही थी तो वहीं दक्षिण कोरिया के मौसम विभाग ने इसकी तीव्रता 4.2 बताई थी।

    क्या होता है हाइड्रोजन बम?

    हाइड्रोजन बम परमाणु बम का एक किस्म है। हाइड्रोजन बम या एच-बम अधिक शक्तिशाली परमाणु बम होता है। इसमें हाइड्रोजन के समस्थानिक ड्यू टीरियम (deuterium) और ट्राइटिरियम की आवश्यकता पड़ती है। परमाणुओं के संलयन करने (fuse) से बम का विस्फोट होता है। इस संलयन के लिए बड़े ऊंचे, ताप, लगभग 500,00,000° सें. की आवश्यकता पड़ती है। यह ताप सूर्य के ऊष्णतम भाग के ताप से बहुत ऊंचा है। परमाणु बम द्वारा ही इतना ऊंचा ताप प्राप्त किया जा सकता है।

    जब परमाणु बम आवश्यक ताप उत्पन्न करता है तभी हाइड्रोजन परमाणु संलयित (fuse) होते हैं। इस संलयन (fusion) से ऊष्मा और शक्तिशाली किरणें उत्पन्न होती हैं जो हाइड्रोजन को हीलियम में बदल देती हैं। 1922 ई. में पहले पहल पता लगा था कि हाइड्रोजन परमाणु के विस्फोट से बहुत अधिक ऊर्जा उत्पन्न हो सकती है।

    1932 में ड्यूटीरियम नामक भारी हाइड्रोजन का और 1934 ई. में ट्राइटिरियम (ट्रिशियम) नामक भारी हाइड्रोजन का आविष्कार हुआ। 1950 ई. में संयुक्त राज्य अमरीका के राष्ट्रपति ट्रु मैन ने हाइड्रोजन बम तैयार करने का आदेश दिया।

    इसके लिए 1951 ई. में साउथ कैरोलिना में एक बड़े कारखाने की स्थापना हुई। 1953 ई. में राष्ट्रपति आइजेनहाबर ने घोषणा की थी कि TNT के लाखों टन के बराबर हाइड्रोजन बम तैयार हो गया है। 1955 ई. में सोवियत संघ ने हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया। चीन और फ्रांस ने भी हाइड्रोजन बम के विस्फोट किए हैं।

    किसके-किसके पास है हाइड्रोजन बम?

    अमेरिका- ये पहला देश था जिसने पहली बार हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया था। साल 1952 में अमेरिका ने हाइड्रोजन बम का परीक्षण कर लिया था।

    रूस- रूस को पहले सोवियत संघ के नाम से जाना जाता था उसी समय रूस ने हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया था।

    ब्रिटेन- साल 1957 में ब्रिटेन ने भी पहली बार हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया था।

    चीन- पीपल्स ऑफ रिपब्लिक चाइना ने साल 1967 में पहली बार हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया था।

    फ्रांस- फ्रांस ने भी साल 1968 में हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया था।

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