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    लंबी लड़ाई के बाद छोटू गैंग का समर्पण

    By Abhishek Pratap SinghEdited By:
    Updated: Wed, 20 Apr 2016 08:29 PM (IST)

    पिछले कई दिनों से पाकिस्तानी सेना और छोटू गैंग के बीच चल रही वार खत्म हो गई है। छोटू गैंग ने पाकिस्तानी सेना के सामने हथियार डाल आत्मसमर्पण कर दिया है।

    लाहौर, पीटीआइ : पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में करीब तीन हफ्ते की लंबी लड़ाई के बाद छोटू गैंग ने हथियार डाल दिए हैं। गैंग के सरगना गुलाम रसूल उर्फ छोटू ने अपने 70 से ज्यादा साथियों के साथ सेना के सामने समर्पण किया। अगवा किए गए 24 पुलिसकर्मियों को भी डकैतों ने छोड़ दिया है। पुलिस के मुताबिक कराची से करीब चार सौ किमी दूर राजनपुर में छोटू और उसके साथियों ने हथियार डाले।

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    मंगलवार को इस इलाके में सेना ने गिरोह के सदस्यों और उनके परिवार को चारों तरफ से घेर लिया था। अंतिम कार्रवाई की चेतावनी देते हुए सेना ने समर्पण को कहा था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि छोटू और उसके साथी इस शर्त पर सेना के सामने हथियार डालने को राजी हुए कि उन्हें पुलिस के हवाले नहीं किया जाएगा। डॉन के अनुसार रसूल ने पुलिसकर्मियों की रिहाई के बदले खुद, परिवार के सदस्यों और वफादारों को सुरक्षित दुबई जाने देने का सुरक्षित रास्ता देने की शर्त रखी थी।


    पाक सुरक्षा बलों से लोहा लेने वाला यह गिरोह स्थानीय कबीलों, सांसदों और कई प्रतिबंधित धार्मिक संगठनों का समर्थन होने का दावा करता है। सुरक्षा बलों ने इनके सौ से ज्यादा मददगारों को भी गिरफ्तार किया है। इनमें छह बलूच नेता हैं।


    गौरतलब है कि अति पिछड़े राजनपुर में सिंधु नदी में 2010 के बाढ़ के कारण बने एक टापू पर इस गिरोह ने शरण ले रखी थी। इन्होंने सात पुलिसकर्मियों की हत्या कर 24 को अगवा कर लिया था। इसके बाद सुरक्षा बलों ने जर्ब-ए-अहान नामक अभियान शुरू किया था। इसमें 1500 सैनिक, तीन सौ रेंजर्स और 16 सौ पुलिसकर्मी शामिल थे।

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