पाकिस्तान में छोटू गैंग के खात्मे के लिए उतरी सेना
पाक के पंजाब प्रांत में छोटू गैंग से निपटने के लिए सरकार ने अब सेना को मैदान में उतारा है। इनसे निपटने के लिए जर्ब-ए-अहान नाम से अभियान छेड़ा गया है।
इस्लामाबाद (रायटर)। पंजाब प्रांत में छोटू गैंग से निपटने के लिए पाकिस्तान सरकार को आखिरकार सेना को मैदान में उतरना पड़ा है। गिरोह ने दस दिन पहले 24 पुलिसकर्मियों को अगवा कर लिया था। उन्हें छुड़ाने के लिए स्थानीय पुलिस अभियान चला रही थी। पंजाब प्रांत के अति पिछड़े राजनपुर इलाके में खतरनाक डकैत गिरोह के खिलाफ जर्ब-ए-अहान नाम से अभियान चलाया जा रहा है। मुठभेड़ में अब तक छह पुलिसकर्मियों और सात डाकुओं के मारे जाने की पुष्टि हुई है। डाकुओं ने सिंधु नदी के एक टापू पर शरण ले रखी है।
बीबीसी के मुताबिक छोटू गैंग के खिलाफ की जा रही कार्रवाई में 1,500 सैनिक, तीन सौ रेंजर्स और 16 सौ पुलिसकर्मी शामिल हैं। हेलीकॉप्टर की भी मदद ली जा रही है। डाकुओं की संख्या तकरीबन सौ से दो सौ तक बताई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक डाकुओं ने हेलीकॉप्टरों पर एंटी एयरक्राफ्ट गनों से फायरिंग की है। सेना के हेलीकॉप्टर उनके बंकरों को तबाह करने में जुटे हैं। मुठभेड़ को देखते हुए सेना ने कुछ इलाकों में सुबह छह बजे से शाम के छह बजे तक के लिए कर्फ्यू लगा दिया है। आमलोगों को घरों में रहने की सलाह दी गई है।
इससे पहले शुक्रवार को पंजाब के कानून मंत्री ने डाकुओं को आत्मसमर्पण करने के लिए 48 घंटे का वक्त दिया था। इसके बाद उन्हें खत्म करने की चेतावनी दी थी। मंत्री ने डाकुओं से समझौते की बात को भी खारिज किया है। सेना के सामने ही समर्पण पाकिस्तानी मीडिया में गिरोह के सरगना गुलाम रसूल उर्फ छोटू के समर्पण करने की बात कही गई है, लेकिन इसकी स्वतंत्र पुष्टि नहीं हो सकी है। सेना के अभियान को देखते हुए भी इस दावे पर संदेह जताया जा रहा है।
पाक अखबार डॉन न्यूज के मुताबिक गुलाम रसूल ने खुद को सेना का समर्थक बताया है। साथ ही कहा कि वह सेना के सामने ही हथियार डालेंगे। पहले भी चलाया जा चुका है अभियान सिंधु नदी में वर्ष 2010 में बाढ़ के बाद बने टापू पर छिपे बदमाशों के खिलाफ पंजाब पुलिस पहले भी कई असफल ऑपरेशन किया था। राजनपुर और रहीमयार खान जिलों के बीच घने जंगलों से घिरे टापू पर यह संयुक्त अभियान चल रहा है। यह इलाका सिंध और बलूचिस्तान प्रांत की सीमा से सटा है।