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    अमेरिका-चीन में तनातनी, पानी के भीतर चीन ने जब्त किया अमेरिकी ड्रोन

    By Lalit RaiEdited By:
    Updated: Sat, 17 Dec 2016 06:26 AM (IST)

    चीन और अमेरिका के रिश्ते कभी सहज नहीं रहे हैं। एक ताजा मामले में चीन ने दक्षिण चीन सागर में पानी के भीतर अमेरिकी ड्रोन को जब्त किया है।

    वाशिंगटन (रायटर्स) । चीनी नौसेना एक जंगी जहाज ने अमेरिका के एक समुद्रविज्ञान पोत द्वारा छोड़े गए ड्रोन को जब्त कर लिया है। पानी के भीतर इस ड्रोन को दक्षिण चीन सागर में अंतरराष्ट्रीय इलाके से पकड़ा गया है। एक अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने बताया कि ड्रोन जब्त किए जाने के बाद अमेरिका ने राजनयिक तौर पर चीन से औपचारिक विरोध दर्ज कर इसे लौटाने की मांग की है।

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    गुप्त मिशन पर नहीं था ड्रोन

    अमेरिकी रक्षा विभाग से जुड़े एक अधिकारी का कहना है कि 15 दिसंबर को फिलीपीन्स के पास अमेरिकी नेवी का शिप बौडिच एक मानवरहित अंडरवॉटर वीकल (यूयूवी) को वापस ले आ रहा था। उन्होंने बताया कि यूूयूवी द्वारा दक्षिण चीन सागर में यह मिलिटरी सर्वे पूरी तरह कानूनी दायरे में किया जा रहा था। इस पोत पर अंग्रेजी में लिखा गया था कि यह अमेरिका की संपत्ति है और इसे पानी से बाहर न निकाला जाए।

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    दक्षिण चीन सागर में चीन की भूमिका आक्रामक

    चीन द्वारा अमेरिकी यूयूवी का पकड़ा जाना दक्षिण चीन सागर में चीनी सेना की बढ़ती सैन्य गतिविधि की जानकारी देता है। एक अमेरिकी थिंक टैंक ने बताया है कि नई सैटलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि चीन ने इस इलाके में सभी सात आर्टिफिशल टापुओं पर एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम तैनात किए हैं। अधिकारी ने बताया कि चीन द्वारा जब्त किया गया ड्रोन किसी गुप्त मिशन पर नहीं था बल्कि यह समुद्री डेटा, पानी की क्षारीयता, तापमान आदि की जानकारी लेने के लिए उतारा गया था।

    अमेरिका ने किया विरोध

    अमेरिका ने राजनयिक स्तर पर विरोध जताते हुए चीन से कहा है कि तुरंत इस अंडरवॉटर ड्रोन को वापस किया जाए। हालांकि चीनी अधिकारियों ने यह कार्रवाई किए जाने को स्वीकार किया है लेकिन अमेरिकी विरोध पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

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    चीन ने की लाइव फायर ड्रिल

    चीन ने विमानवाहक पोत के साथ पहली बार लाइव फायर ड्रिल (बमबारी का अभ्यास) किया। अभ्यास कोरिया की सीमा के निकट बोहाई सागर में किया गया। बोहाई गैर विवादित क्षेत्र है, लेकिन अभ्यास ऐसे वक्त में किया गया है जब दक्षिण चीन सागर और ताइवान को लेकर अमेरिका के साथ चीन का मतभेद बढ़ता जा रहा है।

    चीनी नौसेना ने बयान जारी कर बताया कि सोवियत निर्मित लियाओनिंग विमानवाहक पोत और युद्धपोतों ने हवा में हमले को रोकने, विमानरोधी और मिसाइल-रोधी अभ्यास किया। अभ्यास में वास्तविक मिसाइलों से लैस शेनयांग जे-15 लड़ाकू विमानों ने भी भाग लिया। सरकारी सीसीटीवी ने बताया कि गुरुवार को हुए युद्धाभ्यास में 10 विमानों ने शिकरत की।

    हवा से हवा, हवा से समुद्र और समुद्र से हवा में मार करने वाली मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया। यह पहला मौका था जब वास्तविक गोला-बारूद और वास्तविक सैनिकों के साथ अभ्यास किया गया। टीवी ने अभ्यास में शामिल लड़ाकू विमानों के पोत से उड़ान भरने, मिसाइलें दागने और समुद्र में स्थित लक्ष्य को नष्ट करने की तस्वीरें भी प्रसारित की है।

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