चीन में संयुक्त कार्रवाई बल के रूप में विकसित होगी सेना
सरकारी मीडिया के अनुसार पुनर्गठन से पीएलए को 84 सघन इकाइयों में बांटा जाएगा।
बीजिंग, रायटर। राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने चीन की सेना के पुनर्गठन की घोषणा की है। ऐसा करके संख्या के लिहाज से दुनिया की सबसे बड़ी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सभी अंगों में तालमेल बढ़ाया जाएगा। इससे उसकी संयुक्त कार्रवाई क्षमता बढ़ेगी। राष्ट्रपति चिनफिंग चीन की सर्व शक्तिमान सेंट्रल मिलिटरी कमीशन के चेयरमैन हैं और वहां की सेनाओं के सर्वोच्च कमांडर हैं।
सरकारी मीडिया के अनुसार पुनर्गठन से पीएलए को 84 सघन इकाइयों में बांटा जाएगा। सालभर चलने वाले इस प्रयास में सेना को नई क्षमताओं से सुसज्जित किया जाएगा। नई क्षमताओं में सेना को साइबर स्पेस, इलेक्ट्रॉनिक और सूचना पर आधारित युद्ध में पारंगत किया जाएगा। बीजिंग में इन इकाइयों के नवनियुक्त कमांडरों को संबोधित करते हुए चिनफिंग ने कहा, यह पीएलए को उच्च क्षमता वाली सेना बनाने की कवायद है।
इसका लाभ देश को मिलेगा। इन 84 इकाइयों में संयुक्त सेनाएं होंगी, जो जल, थल और नभ में मिलकर कार्य करेंगी। इनका प्रमुख मेजर जनरल या रियर एडमिरल स्तर का अधिकारी होगा। यह चिनफिंग के 2015 में दिए गए सेना के आधुनिकीकरण के फॉर्मूले का अगला कदम है, जिसमें उन्होंने पीएलए में तीन लाख सैनिकों की संख्या कम करने की घोषणा की थी।
पीएलए को संयुक्त कार्रवाई बल में तब्दील करने की योजना 2020 तक पूरी हो जाएगी। इसके चलते वर्तमान की सात सैन्य कमान संगठित होकर पांच कमानों में बदल जाएंगी। इनके ऊपर एक संयुक्त कमान होगी। इसके अतिरिक्त 15 एजेंसियां भी बनेंगी जो सभी 84 इकाइयों से सीधे जुड़कर कार्य करेंगी।
रविवार को नया युद्धपोत हो सकता है लोकार्पित
चीनी मीडिया के अनुसार देश का दूसरा विमानवाहक युद्धपोत रविवार को लोकार्पित हो सकता है। यह चीन में बना पहला युद्धपोत होगा। रविवार को चीन का नौसेना स्थापना दिवस है।
यह भी पढ़ें: सिर्फ चार दिन में कनाडा की स्लिम्स नदी हो गई गायब