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    दलाई लामा से बात करेगा चीन, मगर तिब्बत पर नहीं

    By Sachin kEdited By:
    Updated: Wed, 11 Mar 2015 05:06 PM (IST)

    पिछले कई साल के बाद तिब्बत के निर्वासित नेता दलाई लामा से दोबारा बातचीत शुरू करने का संकेत देते हुए चीन ने कहा है कि वह आध्यामित्क गुरु से तिब्बत की आजादी या अधिक स्वायत्तता को छोड़कर सभी प्रासंगिक मसलों पर बातचीत करने को तैयार है।

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    बीजिंग। पिछले कई साल के बाद तिब्बत के निर्वासित नेता दलाई लामा से दोबारा बातचीत शुरू करने का संकेत देते हुए चीन ने कहा है कि वह आध्यामित्क गुरु से तिब्बत की आजादी या अधिक स्वायत्तता को छोड़कर सभी प्रासंगिक मसलों पर बातचीत करने को तैयार है।

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    चीन की जातीय व धार्मिक मामलों की कमेटी के प्रमुख झोऊ वेइकुन ने कहा कि हमें उम्मीद है कि दलाई लामा अपना पृथकतावादी रवैया व अपनी भ्रामक मध्यमार्गी सोच को छोड़ सकते हैं। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि दलाई लामा आत्मदाह जैसे प्रदर्शनों को उकसावा देकर तिब्बत में अस्थिरता पैदा करना चाहते हैं।

    आत्मदाह से अभी तक 120 लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद चीन दलाई लामा से स्वतंत्रता व इससे जुड़े अन्य मसलों को छोड़कर अन्य मुद्दों पर बात करने को तैयार है।

    दलाई लामा गलत साबित होंगे

    वेइकुन ने कहा कि चीन को लगता है कि भविष्य में दलाई लामा को पता चल जाएगा कि वे गलत काम कर रहे थे। वे अपनी गलती सुधारकर तिब्बत में गड़बड़ी रोकते हुए हमसे बातचीत के लिए संपर्क कर सकते हैं। हम उनसे तिब्बत की आजादी पर बात नहीं करेंगे, मगर अन्य मुद्दों पर बात हो सकती है।

    पहली बार बातचीत का प्रस्ताव

    यह शायद पहला अवसर है, जब चीन के किसी वरिष्ठ अधिकारी ने दलाई लामा से चर्चा की बात कही। दलाई लामा ने भी पिछले साल चीन को संकेत देते हुए कहा था कि वे तिब्बत के तीर्थस्थल की यात्रा करना चाहते हैं।

    विदेश मंत्रालय खामोश

    बहरहाल, चीनी विदेश मंत्रालय ने इस मसले पर कुछ नहीं कहा। उसने सिर्फ इतना कहा कि दलाई लामा चीन को तोड़ने व अपनी पृथकतावादी गतिविधियों को रोकने की ईमानदारी से कोशिश करें।

    2010 से बंद है बातचीत

    गौरतलब है कि दलाई लामा के प्रतिनिधियों व चीन के बीच वर्ष 2010 से बातचीत ठप है। बावजूद इसके नोबेल पुरस्कार विजेता आध्यात्मिक गुरु कह चुके हैं कि वे तिब्बत को चीन का हिस्सा मानते हैं।

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