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    एनएसजी में भारत की सदस्यता पर स्थिति जस की तस-चीन

    By Sanjeev TiwariEdited By:
    Updated: Thu, 15 Sep 2016 04:58 AM (IST)

    चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने यहां संवाददाताओं को एक दिन पहले भारत के साथ हुई बताचीत का हवाला दिया।

    बीजिंग, प्रेट्र। चीन ने कहा है कि परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर दस्तखत नहीं करने वाले देशों को परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता देने के बारे में अभी तक स्थिति यथावत है। एक दिन पहले भारत से निरस्त्रीकरण आदि मुद्दे पर बातचीत करने वाले चीन ने सदस्यता से जुड़े सवाल को टाल दिया। चीन से पूछा गया था कि क्या विशिष्ट परमाणु क्लब में नए सदस्यों के लिए रास्ता साफ करने के उसके 'दो स्तरीय फार्मूले' का लक्ष्य भारत के साथ ही पाकिस्तान को आगे बढ़ाना तो नहीं है?

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    चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने यहां संवाददाताओं को एक दिन पहले भारत के साथ हुई बताचीत का हवाला दिया। यह वार्ता वैश्विक परमाणु कारोबार को नियंत्रित करने वाले 48 सदस्यीय एनएसजी में भारत के प्रवेश पर केंद्रित थी।

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    करीब ढाई महीने पहले चीन ने एनएसजी में शामिल होने के भारतीय प्रयास को चोट पहुंचाई थी। नई दिल्ली में हुई वार्ता में चीन के शस्त्र नियंत्रण विभाग के महानिदेशक वांग कुन ने चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया और संयुक्त सचिव (निरस्त्रीकरण और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा) अमनदीप सिंह गिल ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। एनपीटी पर दस्तखत नहीं करने वाले देशों को सदस्यता देने के लिए चीन ने 'दो स्तरीय फार्मूले' का प्रस्ताव रखा था।

    भारतीय मीडिया में कहा गया है कि चीन के इस कदम का लक्ष्य पाकिस्तान को भी सदस्यता दिलाना है। इन खबरों के बारे में राय पूछने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि आखिर आप इसे भारतीय रिपोर्ट क्यों कह रहे हैं। उन्होंने कहा, 'मैंने वही कहा है जो वांग कुन ने कहा है। सबसे पहले गैर-एनटीपी देशों को शामिल करने के प्रस्ताव पर हमे विचार करना होगा। उसके बाद किसी विशेष गैर-एनपीटी देश पर विचार हो सकेगा।'

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