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    भारत की म्यांमार कूटनीति का चीन ने माना लोहा

    By Sanjeev TiwariEdited By:
    Updated: Thu, 15 Sep 2016 04:50 AM (IST)

    चीन ने भारत की म्यांमार कूटनीति का लोहा मानते हुए कहा है कि यह दक्षिण-पूर्ण एशियाई देश किसी एक भरोसे नहीं रहेगा।

    बीजिंग, प्रेट्र। चीन ने भारत की म्यांमार कूटनीति का लोहा मानते हुए कहा है कि यह दक्षिण-पूर्ण एशियाई देश किसी एक भरोसे नहीं रहेगा। सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित एक लेख में कहा गया है कि चीन के मुकाबले भारत के पास म्यांमार से संबंध मजबूत करने के ज्यादा मौके हैं। चीन को वहां की पूर्ववर्ती सैन्य सरकार का समर्थन करने का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

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    दिलचस्प यह है कि बीते महीने इसी अखबार ने कहा था कि म्यांमार के लिए भारत से ज्यादा चीन अहमियत रखता है। साथ ही म्यांमार की स्टेट काउंसलर सू की को भावनात्मक तौर पर चीन के ज्यादा करीब बताया गया था। भारत से पहले सू की के चीन का दौरा करने पर यह बात कही गई थी। लेकिन, ताजा लेख में कहा गया है कि पश्चिम द्वारा बहिष्कृत सैन्य सरकार का समर्थन करने के कारण चीन को लेकर म्यांमार की आमधारणा नकारात्मक है। म्यांमार में प्रभाव बढ़ाने के लिए भारत, चीन की प्रतिस्पर्धा का जिक्र करते हुए कहा गया है कि बीजिंग और ने पी तॉ के हमेशा से करीबी संबंध रहे हैं।

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    लेकिन, पिछले कुछ समय से भारत हर स्तर पर म्यांमार से संपर्क बढ़ा रहा है। आधारभूत संरचनाओं के निर्माण जैसे हाइवे, हाइड्रो पॉवर स्टेशन को लेकर साझा परियोजना पर दोनों देश आगे बढ़ रहे हैं। इससे आने वाले सालों में अर्थव्यवस्था, व्यापार, सुरक्षा, संपर्क को लेकर म्यांमार की उम्मीदें भारत से ज्यादा होंगी।अखबार के अनुसार चीन भी म्यांमार के लिए मायने रखता है। लेकिन, वह कभी भी एक देश पर आश्रित नहीं होना चाहेगा। इसका फायदा भारत को मिल सकता है और वह म्यांमार में अपना प्रभाव बढ़ा सकता है। भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी में भी यह दक्षिण-पूर्ण एशियाई देश महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

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