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घाटी में तापमान बढ़ाएगा पाक का उबाल

पाकिस्तान की सियासत नाटकीय घटनाक्रमों की आदी है और इस पुरानी बीमारी के निशान सोमवार को फिर इस्लामाबाद में दिखे। क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान और मौलवी ताहिर उल कादरी के इशारे पर जुटी भीड़ भले लौट जाए, लेकिन इसने सत्ता के तराजू का संतुलन बदल दिया है। पाक में पहली बार लोकतांत्रिक सत्ता परिवर्तन से

By Edited By: Published: Mon, 01 Sep 2014 09:39 PM (IST)Updated: Mon, 01 Sep 2014 09:41 PM (IST)

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। पाकिस्तान की सियासत नाटकीय घटनाक्रमों की आदी है और इस पुरानी बीमारी के निशान सोमवार को फिर इस्लामाबाद में दिखे। क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान और मौलवी ताहिर उल कादरी के इशारे पर जुटी भीड़ भले लौट जाए, लेकिन इसने सत्ता के तराजू का संतुलन बदल दिया है। पाक में पहली बार लोकतांत्रिक सत्ता परिवर्तन से बनी नवाज शरीफ सरकार डेढ़ साल पूरा करने से पहले कमजोर दिख रही है। वहीं इस्लामाबाद की सत्ता पर पाक सेना की मजबूत नजर आ रही पकड़ ने कश्मीर और सीमा पर सुरक्षा को लेकर भारत की चिंता बढ़ा दी है।

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बीते दो महीने में पाकिस्तान का अंदरूनी घटनाक्रम और सीमा पर उसका रवैया इन बदलावों का गवाह है। पाकिस्तान में जून 2014 को बहावलपुर के मैदान से आजादी मार्च के ऐलान के साथ ही समीकरण बदलने लगे। इस्लामाबाद के रेड जोन की सुरक्षा सेना के हाथ में होने के बावजूद इमरान खान और ताहिर उल कादरी की अगुवाई में पहुंची भीड़ ने बेलगाम उत्पात को अंजाम दिया। वहीं इस दौरान सीमा पर पाकिस्तान की ओर से नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी ने कश्मीर में अमन और रिश्तों में सुधार की कोशिशों को भी बेमानी कर दिया।

पाकिस्तान के हालात पर रॉ के पूर्व प्रमुख विक्रम सूद कहते हैं कि राजनेता अगर अपने समर्थकों को किसी संवैधानिक संस्था को तोड़ने के लिए प्रेरित करते हैं, तो इससे पैदा हुई अव्यवस्था अक्सर उन्हें भी भारी पड़ती है। पाक के हालात से यही इशारा मिल रहा है कि नवाज शरीफ के लिए बहुत लंबे समय तक चलना मुश्किल होगा। ऐसे में सेना सत्ता का सूत्र सीधे अपने हाथ में भले न ले, लेकिन भविष्य के किसी भी सत्ता समीकरण में उसका दखल काफी होगा।

कश्मीर में अगले दो महीनों में होने वाले विधानसभा चुनाव और सर्दियों के बढ़ने से पहले पाकिस्तान में बैठे आतंकी सरपरस्त अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने की भरसक कोशिश करेंगे। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, पाक की ओर से बीते कुछ समय से लगातार घाटी में आतंक की खेप बढ़ाने की कोशिश हो रही हैं। ऐसे में सरहद पर और कश्मीर घाटी में पाक सेना अपना असर दिखाने की कोशिश करेगी।

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