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    पाक में टकराव बढ़ा, कई हिस्सों में फैली हिंसा; सेना का दखल से इन्कार

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    Updated: Mon, 01 Sep 2014 11:01 AM (IST)

    पाकिस्तान में चल रहे सरकार विरोधी आंदोलन ने गंभीर रूप अख्तियार कर लिया है। इमरान खान व मौलाना ताहिर-उल कादरी द्वारा प्रधानमंत्री का इस्तीफा होने तक आंदोलन वापस लेने से मना करने और सेना के रुख से नवाज शरीफ की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सेना ने दखल देने से इन्कार करते हुए कहा है कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ ताकत का इस्तेमाल करने से हालात और बिगड़ेंगे। सेना ने बिना समय गंवाए राजनीतिक समाधान पर बल दिया है।

    इस्लामाबाद। पाकिस्तान में चल रहे सरकार विरोधी आंदोलन ने गंभीर रूप अख्तियार कर लिया है। इमरान खान व मौलाना ताहिर-उल कादरी द्वारा प्रधानमंत्री का इस्तीफा होने तक आंदोलन वापस लेने से मना करने और सेना के रुख से नवाज शरीफ की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सेना ने दखल देने से इन्कार करते हुए कहा है कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ ताकत का इस्तेमाल करने से हालात और बिगड़ेंगे। सेना ने बिना समय गंवाए राजनीतिक समाधान पर बल दिया है।

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    राजधानी इस्लामाबाद में शनिवार रात से शुरू हुई हिंसा रविवार को भी बदस्तूर जारी रही। आंदोलन की आग लाहौर समेत देश के अन्य कई हिस्सों में फैल गई है। लाहौर के लिबर्टी चौक व माल रोड पर झड़प में दर्जनों प्रदर्शनकारी घायल हो गए। सियालकोट में रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के निवास के बाहर इमरान समर्थकों ने पत्थर फेंके। मुल्तान में कादरी समर्थकों ने घंटों सड़क जाम रखी। प्रधानमंत्री के आधिकारिक निवास व संसद भवन के आसपास जमा प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिस को आंसू गैस और रबर की गोलियां दागनी पड़ीं। मौलाना कादरी ने अपने सात समर्थकों के मारे जाने का दावा किया है। हालांकि, सरकार तीन प्रदर्शनकारियों के ही मारे जाने की पुष्टि कर रही है। सरकार विरोधी आंदोलन में अब तक 500 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। समाचार चैनल जियो टीवी के कार्यालय पर भी हमला किया गया। पुलिस-प्रदर्शनकारियों के बीच भिड़ंत में कई पत्रकारों के भी घायल होने की खबर है। पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारियों के हमले में 90 से ज्यादा जवान घायल हुए हैं।

    इस बीच, सेना प्रमुख जनरल राहिल शरीफ ने रावलपिंडी में सैन्य कमांडरों के साथ बैठक कर हालात का जायजा लिया। बैठक के बाद जारी बयान में सेना ने लोकतंत्र में अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए समस्या के राजनीतिक समाधान की बात की है। सेना ने प्रदर्शनकारियों को सख्त संदेश देते हुए शनिवार रात की ¨हसा पर नाखुशी का इजहार किया है। सेना ने कहा है कि बहुत जरूरी होने और लोकतंत्र की रक्षा के लिए ही दखल देगी।

    दूसरी तरफ, नवाज शरीफ भी झुकने को तैयार नहीं हैं। लाहौर गए शरीफ रविवार को इस्लामाबाद लौट आए और उच्चस्तरीय बैठक की। शरीफ ने मौजूदा सियासी संकट से निपटने के लिए संसद का संयुक्त सत्र मंगलवार को बुलाने के साथ ही आंदोलनकारी नेताओं को नए सिरे से बातचीत का न्योता भी दिया है। शरीफ ने कहा कि लोकतंत्र के खिलाफ साजिश को सफल नहीं होने दिया जाएगा।

    पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान खान ने मरते दम तक संघर्ष का आह्वान किया। खान ने कहा, 'मैं मरते दम तक इस गैरकानूनी हुकूमत से लड़ता रहूंगा।' उन्होंने सभी सरकारी कर्मचारियों, नौकरशाहों और पुलिसकर्मियों से सरकार के खिलाफ विद्रोह करने के लिए कहा। इमरान ने कहा, 'हम प्रधानमंत्री नवाज और गृहमंत्री चौधरी निसार खान के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराएंगे।'

    किसने, क्या-कहा:

    'यह एक छोटा तूफान यानी उपद्रव है, जो कुछ दिनों में खत्म हो जाएगा।'

    -नवाज शरीफ

    'अल्लाह या आजादी या मौत। मैं लोगों की आजादी के वास्ते मरने के लिए तैयार हूं। मरते दम तक संघर्ष करेंगे।'

    -इमरान खान

    'ये लोग हर मायने में भ्रष्ट हैं। देश का लूटना ही इनका धर्म है। इनके खिलाफ संघर्ष में मैं जान की कुर्बानी देने के लिए तैयार हूं।'

    -मौलाना ताहिर-उल कादरी

    'ये लोग बंदूक की नोक पर अपनी मांगें मनवाना चाहते हैं। लेकिन इतना कुछ होने के बावजूद बातचीत के लिए हमारा दरवाजा अभी भी खुला है।'

    -परवेज राशिद, सूचना मंत्री पाकिस्तान

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