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    अब तक अनसुलझी है एविएशन हिस्ट्री की सबसे बड़ी मिस्ट्री

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    Updated: Sat, 22 Mar 2014 09:06 AM (IST)

    मलेशिया एयरलाइंस के एमएच 370 विमान के लापता होने के दो सप्ताह बाद भी इस विमान का अब तक कुछ पता नहीं चल सका है। एविएशन हिस्ट्री में यह घटना अब तक की सबसे बड़ी मिस्ट्री बनती जा रही है। इसकी खोज को लेकर तमाम तरह के दावों और उन्हें लेकर की जा रही कोशिशों को लगातार गहरा झटका लग रहा है। लापता विमान

    पर्थ। मलेशिया एयरलाइंस के एमएच 370 विमान के लापता होने के दो सप्ताह बाद भी इस विमान का अब तक कुछ पता नहीं चल सका है। एविएशन हिस्ट्री में यह घटना अब तक की सबसे बड़ी मिस्ट्री बनती जा रही है। इसकी खोज को लेकर तमाम तरह के दावों और उन्हें लेकर की जा रही कोशिशों को लगातार गहरा झटका लग रहा है। लापता विमान के जिन दो संभावित टुकड़ों की सुदूर दक्षिण हिंद महासागर में तैरती हुई तस्वीर को उपग्रह के जरिये उतारा गया था, उन्हें शुक्रवार को काफी कोशिशों के बाद भी खोजा नहीं जा सका। आशंका जताई जा रही है कि यह टुकड़े समुद्र की गहराई में कहीं दफन हो गए हैं।

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    पर्थ से 2,500 किमी दक्षिण पश्चिम सुदूर दक्षिणी हिंद महासागर में पूरे दिन पांच आस्ट्रेलियाई टोही विमान और एक पोत ने करीब 400 किमी के दायरे में समुद्र को मथा, लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लगी। आस्ट्रेलिया के उप प्रधानमंत्री वारेन ट्रस ने कहा, 'चूंकि उपग्रह की तस्वीर पांच दिन पुरानी है। लिहाजा संभव है कि विमान का मलबा माने जा रहे टुकड़े देखे गए स्थान से सैकड़ों किमी दूर बहकर समुद्र तल में दफन हो गए होंगे।'

    इस बीच भारत ने मलेशिया सरकार को आश्वासन दिया है कि वह लापता विमान एमएच 370 का पता लगाने के लिए कई देशों द्वारा वर्तमान में की जा रही तलाश और बचाव की कोशिशों में उसकी पूरी मदद करेगा। रक्षा मंत्रालय ने इस काम के लिए भारतीय सशस्त्र सेना के विमानों की तैनाती को मंजूरी दे दी है। इसके लिए भारतीय वायु सेना के सी-130 हरक्यूलिस और नौसेना के लंबी दूरी तक निगरानी रखने वाले समुद्री निगरानी विमान पी- 8 आई को आज रवाना कर दिया गया। ये विमान शुक्रवार सुबह रवाना होकर शाम को क्वालालंपुर के नजदीक सुबांग हवाईअड्डे पर पहुंच गए। दोनों विमान विशाल क्षेत्र में तलाशी करने में सक्षम हैं और काफी लंबे समय तक हवा में रह सकते हैं। चालक दल को मलेशियाई अधिकारी तलाश के बारे में जानकारी देंगे। एक बार तलाश का क्षेत्र पता लगने के बाद ये विमान शनिवार से अपना काम शुरू कर देंगे। हेडक्वार्टर इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ मलेशिया में भारतीय रक्षा अताशे के साथ संपर्क में हैं।

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    आस्ट्रेलियाई उपग्रह द्वारा सुदूर दक्षिणी हिंद महासागर में क्रमश: 24 मीटर और पांच मीटर लंबे दो टुकड़ों की तस्वीर उतारने के बाद यह उम्मीद जगी थी कि अब लापता विमान की गुत्थी सुलझ सकती है। 8 मार्च को कुआलालंपुर से 239 सवारियों को लेकर बीजिंग के लिए उड़ान भरने वाला मलेशियाई विमान एमएच 370 एक घंटे के भीतर ही लापता हो गया। तब से उसकी तलाश में 26 देशों के खोजी दस्ते लगे हुए हैं। भारत ने भी बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर में उसकी तलाश के लिए अभियान चलाया। लेकिन कोई सार्थक नतीजा नहीं निकलने पर उसे बंद कर दिया गया।