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    लश्कर के दो सरगना वैश्विक आतंकी घोषित

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    Updated: Fri, 27 Jun 2014 04:40 PM (IST)

    मुंबई आतंकी हमले [26/11] के बाद से ही जमात-उद-दावा [जेयूडी] पर प्रतिबंध की मांग कर रहे भारत की मुराद अमेरिका ने पूरी कर दी है। अमेरिका ने जेयूडी और इससे जुड़े संगठनों को वैश्विक आतंकी संगठनों की सूची में डालने के साथ ही लश्कर-ए-तैयबा के दो सरगनाओं नजीर अहमद चौधरी और मुहम्मद हुसैन गिल को वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया है।

    इस्लामाबाद। मुंबई आतंकी हमले [26/11] के बाद से ही जमात-उद-दावा [जेयूडी] पर प्रतिबंध की मांग कर रहे भारत की मुराद अमेरिका ने पूरी कर दी है। अमेरिका ने जेयूडी और इससे जुड़े संगठनों को वैश्विक आतंकी संगठनों की सूची में डालने के साथ ही लश्कर-ए-तैयबा के दो सरगनाओं नजीर अहमद चौधरी और मुहम्मद हुसैन गिल को वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया है।

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    अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि दिसंबर, 2001 में लश्कर को आतंकी संगठन घोषित किया गया था। लेकिन, नाम बदलकर वह प्रतिबंधों से बच गया और अब उसके लोग जेयूडी के तहत काम कर रहे हैं। इसलिए इसे प्रतिबंधित करने का फैसला किया गया है। अमेरिकी वित्त विभाग के अनुसार लश्कर के दोनों सरगना चौधरी और गिल पर आर्थिक प्रतिबंध भी लगाए गए हैं। चौधरी को लश्कर का उप प्रमुख बताया जाता है। जबकि, गिल लश्कर के संस्थापकों में से एक है। वह इस आतंकी संगठन के लिए पैसा इकट्ठा करने में मुख्य भूमिका निभाता है।

    जेयूडी प्रवक्ता याह्यंा मुजाहिद ने अमेरिकी कार्रवाई को खारिज किया है। प्रवक्ता ने कहा, हम दान इकट्ठा करने वाला संगठन हैं। हमारा लश्कर या किसी अन्य आतंकी संगठन से कोई संपर्क नहीं है। हमारे संगठन को लाहौर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी क्लीन चिट दी है। इसलिए अमेरिका का प्रतिबंध कोई मायने नहीं रखता।

    जेयूडी के विदेशी आतंकी संगठन की श्रेणी में आने के साथ ही अमेरिका को इसकी संपत्ति जब्त करने का अधिकार मिल जाएगा। जेयूडी को कुख्यात लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटे के रूप में देखा जाता है। प्रतिबंध के बाद न केवल अमेरिकी कंपनियां और नागरिक जमात से संबंध नहीं रख पाएंगे बल्कि जेयूडी द्वारा पैसा इकट्ठा करना भी मुश्किल हो जाएगा।

    संयुक्त राष्ट्र ने भी 2008 में जेयूडी को लश्कर का मुखौटा संगठन करार देकर पाकिस्तान सरकार से कड़ी कार्रवाई की अपील की थी, लेकिन उसकी गतिविधियां जारी रहीं। संगठन के नेता सार्वजनिक रैलियां करने के साथ ही आराम से इंटरव्यू देते रहते हैं। अमेरिका ने 2012 में ही जमात के मुखिया हाफिज सईद पर एक करोड़ डॉलर के इनाम की घोषणा कर दी थी।

    ''चौधरी और गिल पर प्रतिबंध अमेरिका ने भारत के दबाव में लगाया है। दोनों लश्कर के नहीं हमारे संगठन के सदस्य हैं। हम अदालत जाकर अपने लोगों का बचाव करेंगे।'' - हाफिज सईद [जमात-उद-दावा प्रमुख]

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