जानिए, बलूच मुद्दे पर क्यों भारत के साथ आए बांग्लादेश-अफगानिस्तान
बलूचिस्तान के मुद्दे पर पीएम मोदी को पड़ोसी देशों का भी साथ मिल रहा है। अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति ने बलूचिस्तान पर मोदी की टिप्पणी की तारीफ की है।
काबुल। बलूचिस्तान के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई का साथ मिला है। हामिद करजई ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से बलूचिस्तान में हो रहे मानवाधिकारों के हनन का मुद्दा उठाने पर मोदी की तारीफ की है। करजई ने कहा है कि भारत को पाकिस्तान के उकसावे को जवाब देने का हक है।
अंग्रेजी अखबार द हिंदू में छपी खबर के मुताबिक, करजई ने कहा 'पाकिस्तानी एजेंसियां आजादी से अफगानिस्तान और भारत को लेकर बात करती रहती है। लेकिन, ऐसा पहली बार है कि भारत के प्रधानमंत्री ने बलूचिस्तान पर टिप्पणी की हो। हालांकि, मुझे नहीं लगता कि भारत का वहां छद्म युद्ध करने का इरादा है।'
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बता दें, बांग्लादेश भी बलूचिस्तान के मुद्दे पर मोदी की टिप्पणी का समर्थन कर चुका है। भारत दौरे पर आए बांग्लादेश के सूचना मंत्री हसन उल-हक-इनू ने भी बलूचिस्तान में पाकिस्तान की ओर से हो रहे मानवाधिकारों के हनन पर चिंता जाहिर की है।
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हसन उल-हक-इनू ने कहा था कि 'पाकिस्तान आतंकवाद को संरक्षण देता है और इसके पर्याप्त सबूत हैं। भारत और बांग्लादेश दोनों इस बात पर सहमत हैं कि आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए सूचना का आदान-प्रदान महत्वपूर्ण है।'
दरअसल, 15 अगस्त को प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में बलूचिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर का मुद्दा उठाते हुए वहां के लोगों को धन्यवाद दिया था। प्रधानमंत्री के इस बयान का बलूचिस्तान के नेताओं ने स्वागत किया है।