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    बहराइच के जंगलों में मिली मोगली गर्ल

    By Babita KashyapEdited By:
    Updated: Thu, 06 Apr 2017 11:32 AM (IST)

    करीब तीन माह पहले इसे कतर्नियाघाट के जंगलों में लकड़ी बीनने वालों ने देखा था। बच्ची के तन पर एक भी कपड़ा नहीं था लेकिन वह इस सबसे बेफिक्र थी।

    बहराइच के जंगलों में मिली मोगली गर्ल

    जासं, बहराइच। कोई उसे मोगली गर्ल कहता है तो कोई जंगल की गुडिय़ा। बावजूद इसके कि वह न तो इंसानों की तरह बात करती है और न व्यवहार। यहां जिला अस्पताल में करीब ढाई माह पहले कतर्नियाघाट के जंगलों से लाई गई दस वर्षीय रहस्यमय बच्ची सबके कौतूहल का विषय बनी है। सटीक जानकारी किसी के पास नहीं लेकिन अस्पताल स्टाफ व पुलिस मानती है कि इस इंसान की बच्ची परवरिश बंदरों के बीच हुई।

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    करीब तीन माह पहले इसे कतर्नियाघाट के जंगलों में लकड़ी बीनने वालों ने देखा था। बच्ची के तन पर एक भी कपड़ा नहीं था लेकिन वह इस सबसे बेफिक्र थी। लकड़हारे इसके पास गए तो बंदरों ने बच्ची को घेरे में ले लिया और किसी को पास नहीं फटकने दिया। कतर्नियाघाट वन्य जीव क्षेत्र के मोतीपुर रेंज में इसके बाद वह कई बार देखी गई। बताते हैं कि बालिका के चोटिल होने के चलते वह अस्वस्थ लग रही थी। बालिका के करीब जाने की कोशिश करने पर बंदरों का झुंड ग्रामीणों पर हमलावर हो जाते थे। दर्जनों बंदर घने जंगल में उसकी निगरानी कुछ इस तरह करते थे, जैसे बालिका उनके परिवार की एक सदस्य हो। सूचना मोतीपुर पुलिस को दी गई। इस पर पुलिस बताए गए स्थान पर जंगल में पहुंची लेकिन बालिका नहीं दिखाई पड़ी। 

    20 जनवरी की रात यूपी 100 की टीम रात्रि गश्त के दौरान जंगल में बालिका को बंदरों के बीच देखी। कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस जवानों ने बालिका को बंदरों के बीच से निकालकर गाड़ी में बैठाया। जख्मी बालिका को एसआइ ने मिहीपुरवा सीएचसी में भर्ती कराया। 25 जनवरी को बेहोशी की हालत में जिला अस्पताल पहुंचाया। यहां लोगों को देखकर बालिका बंदरों की तरह गुर्राने लगी। 

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