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    मून ने कहा- योग भेदभाव नहीं करता, संतुष्टि देता है

    By Sanjay BhardwajEdited By:
    Updated: Tue, 16 Jun 2015 04:46 PM (IST)

    भारत में योग को लेकर हो रही राजनीति के बीच संयुक्‍त राष्‍ट्र महासचिव बान की-मून ने कहा कि योग धर्मों के बीच भेदभाव नहीं करता। यह सभी के लिए है। जो योग करेगा, उसे इसका फायदा होगा।मून ने कहा कि जनवरी में अपने भारत दौरे पर पहली बार योग करके

    नई दिल्ली। भारत में योग को लेकर हो रही राजनीति के बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून ने कहा कि योग धर्मों के बीच भेदभाव नहीं करता। यह सभी के लिए है। जो योग करेगा, उसे इसका फायदा होगा।

    मून ने कहा कि जनवरी में अपने भारत दौरे पर पहली बार योग करके उन्हें संतुष्टि का एहसास हुआ था। उन्होंने कहा कि शुरू में संतुलन साधने में उन्हें थोड़ा वक्त लगा, लेकिन फिर लगा कि कोई भी शख्स इसे कर सकता है। याद रहे कि संयुक्त राष्ट्र की मंजूरी के बाद पहली बार 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाना है।

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    किसी विवाद का जिक्र किए बिना उन्होंने कहा कि योग किसी के साथ भेदभाव नहीं करता। अपनी ताकत, उम्र और क्षमताओं से परे, हर शख्स योग कर सकता है। मैंने खुद भारत दौरे पर वृक्ष की तरह खड़े होकर आसन करते हुए यह पाया है। मुझे संतुलन बनाने में कुछ वक्त लगा, लेकिन जब मैंने किया तो इससे मिलने वाले संतुष्टि के एहसास का मैं मुरीद हो गया।

    मून ने बताया कि भारत दौरे पर उन्हें अपने कुछ वरिष्ठ सलाहकारों के साथ योग करने का मौका मिला था। म्यांमार के मामलों पर मून के सलाहकार और दिग्गज भारतीय राजनयिक विजय नांबियार ने योग दिवस के मद्देनजर उन्हें योग का पहला पाठ सिखाया था। यूएन प्रवक्ता ने बान की-मून की योग करने की तस्वीर भी ट्वीट की थी।

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