Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'मैं जन्म से हिंदू और राष्ट्रवादी हूं, यह कोई गुनाह नहीं है'

    By Edited By:
    Updated: Sat, 13 Jul 2013 10:42 AM (IST)

    गुजरात में वर्ष 2002 में हुए दंगों के दौरान अपने फैसलों को सही ठहराते हुए राज्य के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि जो उन्होंने जो कुछ किया, ठीक किया। चूंकि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया इसलिए उन्हें कोई अफसोस भी नहीं है। खुद को जन्म से हिंदू और राष्ट्रवादी बताते हुए मोदी ने कहा कि यह क

    नई दिल्ली। गुजरात में वर्ष 2002 में हुए दंगों के दौरान अपने फैसलों को सही ठहराते हुए राज्य के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि जो उन्होंने जो कुछ किया, ठीक किया। चूंकि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया इसलिए उन्हें कोई अफसोस भी नहीं है। खुद को जन्म से हिंदू और राष्ट्रवादी बताते हुए मोदी ने कहा कि यह कोई गुनाह नहीं है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मोदी के काल्पनिक कुत्ते पर किचकिच

    मोदी ने कहा कि गुजरात दंगों पर दुनिया की सबसे अच्छी अदालतों में शुमार सुप्रीम कोर्ट ने काबिल अफसरों का विशेष जांच दल [एसआइटी] गठित किया था। एसआइटी ने उन्हें क्लीनचिट दी है। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ भी गलत होने पर अफसोस तो होता ही है। मोदी ने इससे पहले एक उर्दू दैनिक के संपादक और सपा नेता से बातचीत में दंगों पर खुलकर चर्चा की थी। इसके चलते उन्हें सपा से निकाल दिया गया था।

    हर विवाद के साथ मजबूत होता ब्रांड मोदी

    जब मोदी से पूछा गया कि क्या आपको 2002 के दंगों के आधार पर अपना मूल्यांकन किए जाने से दुख होता है तो उन्होंने कहा कि हर आदमी का अपना एक नजरिया होता है। लोगों को आलोचना करने का अधिकार है। परेशानी तब होती है जब आपने कोई गलती की होती है। अगर मैं कुछ गलत करता हूं, अगर मैं चोरी करता हूं और पकड़ा जाता हूं तब परेशानी होती है कि मैं पकड़ गया, लेकिन यहां तो मामला ही अलग है।

    जब मोदी ने दी रमजान की बधाई तो विपक्ष गुस्से में आइर्

    जब उनसे पूछा गया कि 2002 में आपने जो किया वह बिल्कुल ठीक था तो उन्होंने कहा, 'हां बिल्कुल और इसी की जांच तो एसआइटी ने की थी।' एक अन्य सवाल पर मोदी ने कहा, 'मैं देशभक्त हूं और देशभक्त होने में कुछ भी गलत नहीं है। जहां तक लोग मुझे प्रगतिशील, विकासोन्मुख, काम करने वाला बताते हैं तो यह उनका नजरिया है। एक हिंदू राष्ट्रवादी और उद्योग समर्थक होने के बीच कोई विरोधाभास नहीं है।'

    लगातार होने वाली आलोचनाओं पर उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की ताकत आलोचना में है। अगर आलोचना पर पाबंदी है तो इसका सीधा मतलब है कि वहां लोकतंत्र नहीं है। अगर आपको तरक्की करनी है तो आपको आलोचनाओं का स्वागत करना होगा। चूंकि मैं तरक्की चाहता हूं इसलिए आलोचनाओं को स्वीकार करता हूं। मोदी ने कहा कि जो नेता फैसले नहीं लेता है, उसे कौन स्वीकार करेगा? फैसला लेने की क्षमता नेता का अहम गुण है। इसे उसकी नकारात्मकता नहीं कहा जा सकता। बिना सामूहिक प्रयास के किसी को सफलता नहीं मिल सकती।

    मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर