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    जानिए चौंकाने वाली कहानी, कैसे दफनाने के 24 साल बाद जिंदा लौट आई बेटी

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    Updated: Mon, 04 Aug 2014 07:12 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश के जौनपुर में सर्पदंश से मरी महिला 24 साल बाद जिंदा घर लौट आई, मगर बदले हुए नाम के साथ। उसकी दास्तान किसी फिल्म की कहानी से कम नहीं है। ज ...और पढ़ें

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    जौनपुर। उत्तर प्रदेश के जौनपुर में सर्पदंश से मरी महिला 24 साल बाद जिंदा घर लौट आई, मगर बदले हुए नाम के साथ। उसकी दास्तान किसी फिल्म की कहानी से कम नहीं है।

    जौनपुर की एक बच्ची को करीब 24 साल पहले पांच साल की उम्र में खेलते समय जहरीले सांप ने काट लिया था। उसके शव को सई नदी के किनारे दफन कर दिया गया, लेकिन अब वह जिंदा होकर अपने मां-बाप के सामने आ गई है, जिसे देख हर किसी की आंखें खुली की खुली रह गई।

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    इंदू नाम की इस लड़की को 9 जून 1990 को घर के सामने खेलते समय जहरीले सांप ने काट लिया था। उसकी जान बचाने के लिए परिजन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां मौजूद डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजन इंदू को झाड़-फूंक करने वाले के पास ले गए। उसने भी इंदू को मृत घोषित कर दिया। परिजनों ने उसके शव को सई नदी के किनारे दफन कर दिया। दफन होने के दूसरे दिन बाद नदी में बाढ़ आ गई, जिसमें बहकर मृत बच्ची लगभग 25 किलोमीटर दूर रामदयालगंज पहुंच गई और वहां जिंदा हो गई।

    वह नदी के किनारे रो रही थी, आवाज सुनकर गोवर्धन नाम का एक शख्स उसे अपने घर ले आया और उसका नाम पुष्पा रखकर पालन-पोषण शुरू कर दिया। गोवर्धन को कोई संतान नहीं थी, इसलिए पुष्पा को अपने कलेजे के टुकड़े की तरह रखते हुए उसकी शादी भी कर दी। एक दिन उसने अपने किसी करीबी रिश्तेदार से चर्चा की कि उसके असली मां-बाप ने उसे बाढ़ के पानी में फेंक दिया था। संयोगवश वह रिश्तेदार उसी गांव का निकला। उसने जाकर सारी दास्तां लड़की के मां-बाप को बताई। वे पुष्पा के घर पहुंचे और गोवर्धन से बातचीत की।

    शरीर पर निशान से हुई पहचान

    गोवर्धन ने उन्हें पुष्पा के मिलने की कहानी बता दी। पुष्पा के शरीर पर निशान के आधार पर मां ने उसे अपनी बेटी इंदू के रूप में पहचान लिया। इस घटना की जानकारी जब आसपास के लोगों को हुई तो भारी भीड़ उमड़ पड़ी। पंचायत भी हुई पंचायत ने फैसला सुनाया कि पुष्पा यानी इंदू थोड़े-थोड़े दिन दोनों परिवारों के साथ रहे। अब इंदू के दो-दो मां-बाप हो गए हैं। वह ससुराल से आने के बाद कुछ दिन जन्मदाता माता-पिता के साथ रहती है तो कुछ दिन पालन-पोषण करने वाले मां-बाप के साथ।

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