सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, चुनाव के दौरान आपराधिक तत्व क्यों निभाते हैं अहम भूमिका?
चीफ जस्टिस टी एस ठाकुर ने पूर्व चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी से पूछा कि चुनाव के दौरान आपराधिक तत्वों को मतदान वालें इलाकों में घुसने से रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से सवाल पूछा है कि कानून व्यवस्था इतना सख्त होने के बाद भी हर बार ऐसा क्यों होता है कि आपराधिक तत्व चुनावों के दौरान निर्णायक भूमिका निभाते हैं?
भोपाल ज्यूडीशियल अकादमी द्वाया आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान चीफ जस्टिस टी एस ठाकुर ने पूर्व चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी से पूछा कि चुनाव के दौरान आपराधिक तत्वों को मतदान वालें इलाकों में घुसने से रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं और साथ ही साथ चुनाव आयोग ने इस दिशा में अबतक क्या कदम उठाए हैं?
सेमिनार के दौरान ये भी सवाल पूछा गया कि सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के बाद चुनाव आयोग ने प्रत्याशियों की आय, शिक्षा और उनके आपराधिक रिकार्ड से संबंधित एफिडेविट फाइल करवाने को लेकर क्या कदम उठाए हैं?
चुनाव आयोग से ये भी सवाल पूछा गया कि प्रत्याशी अपने हलफनामें में जो भी जानकारी देते हैं तो क्या चुनाव आयोग उन जानकारियों की सत्यता की जांच करती है जिसपर कुरैशी ने कहा कि चुनाव आयोग के पास इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारी नहीं है, लेकिन उन्होंने बताया कि चुनावों में विपक्षी पार्टी और नेता अपने प्रतिद्वंदी के बारे में कई बार शिकायतें लेकर आते हैं या बताते हैं कि उनके प्रतिद्वंदी ने हलफनामें में गलत जानकारी दी है तो वो उसकी जांच करते हैं।
चुनाव आयोग से ये भी सवाल पूछा गया कि चुनाव के दौरान धन खर्च की सीमा तय होने के बावजूद चुनाव आयोग तय सीमा से ज्यादा धन का प्रयोग रोकने में नाकाम क्यों साबित हो रहा है?
सुप्रीम कोर्ट के जजों ने चुनाव के दौरान लोगों को पैसे बांटने और दूसरे सामान तोहफे में देने को लेकर भी चिंता जताई।
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