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..जब लालबत्ती की गाड़ी से आए और रिक्शे से लौटे कैबिनेट मंत्री पुत्र

सत्ता की हनक किस कदर सिर चढ़कर बोलती है, इसकी बानगी शुक्रवार को देखने को मिली। लंबी-चौड़ी कार में अपने मित्र संग पहुंचे कैबिनेट मंत्री पारसनाथ यादव के पुत्र रौब गालिब करते हुए सर्किट हाउस एनेक्सी पहुंचे। उनकी आवभगत में अफसर इकट्ठे हो गए। मीडिया भी पहुंच गया। पता चला मंत्री नहीं, उनके पुत्र लालबबी की गा

By Edited By: Published: Sat, 30 Aug 2014 08:16 AM (IST)Updated: Sat, 30 Aug 2014 08:45 AM (IST)
..जब लालबत्ती की गाड़ी से आए और रिक्शे से लौटे कैबिनेट मंत्री पुत्र

जागरण संवाददाता, मेरठ। सत्ता की हनक किस कदर सिर चढ़कर बोलती है, इसकी बानगी शुक्रवार को देखने को मिली। लंबी-चौड़ी कार में अपने मित्र संग पहुंचे कैबिनेट मंत्री पारसनाथ यादव के पुत्र रौब गालिब करते हुए सर्किट हाउस एनेक्सी पहुंचे। उनकी आवभगत में अफसर इकट्ठे हो गए। मीडिया भी पहुंच गया। पता चला मंत्री नहीं, उनके पुत्र लालबत्ती की गाड़ी से आकर सर्किट हाउस में ठहरे हैं। मीडिया ने सवाल-जवाब किए तो सभी बैकफुट पर आ गए और आनन-फानन में बत्ती उतार दी गई। मंत्रीपुत्र भी रिक्शे में बैठकर निकल लिए।

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प्रदेश सरकार में खाद्य एवं प्रसंस्करण मंत्रालय के कैबिनेट मंत्री पारसनाथ यादव के पुत्र शुक्रवार को दोपहर में लालबत्ती व राष्ट्रीय ध्वज लगी फॉरच्यूनर से सर्किट हाउस में प्रविष्ट हुए। उनके लिए एनेक्सी में रुम खोला गया। यहां पर उन्होंने उद्यान अफसरों को तलब किया तो उप निदेशक उद्यान, घनश्याम यादव भी अगवानी को पहुंच गए। इसी बीच मंत्री के आगमन की सूचना पर मीडिया के लोग भी मंत्री से बात करने पहुंच गए। लेकिन, मीडिया को देखकर मंत्री पुत्र और अफसरों के चेहरों का रंग उड़ गया। मीडिया ने मंत्री पुत्र द्वारा लालबत्ती व राष्ट्रीय ध्वज लगी गाड़ी के इस्तेमाल पर ऐतराज जताया तो कर्मियों व अफसरों ने दौड़कर लालबत्ती उतारी। मीडिया का कैमरा चमका तो भगदड़ मच गई। मंत्रीपुत्र उठ खड़े हुए और वह पैदल ही बाहर निकल पड़े, उनके पीछे-पीछे डिप्टी डायरेक्टर भी दौड़े। सर्किट हाउस के मुख्य द्वार से रिक्शे पर सवार होकर वह कचहरी, शिवाजी रोड होते हुए इन्दिरा चौक पहुंचे। लेकिन मीडिया ने उनका पीछा नहीं छोड़ा।

अंतत: मंत्री पुत्र ने अफसोस जताते हुए मीडिया से हाथ जोड़े। बताया कि वह बल्ला खरीदने मेरठ आए थे, लालबत्ती की गाड़ी प्रयोग करके गलती हो गई। इसके बाद उन्होंने फोन करके गाड़ी मंगवायी और तब जाकर वे निकले। इस संबंध जानकारी करने के लिए जागरण संवाददाता ने उप निदेशक उद्यान को कई बार फोन मिलाया गया, मैसेज भी दिए, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।

उद्यान विभाग के अधिकारी के अनुरोध पर सर्किट हाउस एनेक्सी में मंत्री पुत्र के रुकने की अनुमति मौखिक दी गयी थी। उनके नाम कोई कमरा बुक नहीं किया गया था।

-सत्यप्रकाश राय, सिटी मजिस्ट्रेट, मेरठ।

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