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    पीडीपी किस हक से मांग रही अफजल गुरु के शव के अवशेष: अख्‍तर

    By Tilak RajEdited By:
    Updated: Tue, 03 Mar 2015 12:41 PM (IST)

    आतंकी और संसद हमले के साजिशकर्ता अफजल गुरु के शव के अवशेष उनके परिवार को नहीं सौंपे जाएंगे, सूत्रों के हवाले से ऐसी खबरें मिल रही हैं। हालांकि प्रसिद ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली। आतंकी और संसद हमले के साजिशकर्ता अफजल गुरु के शव के अवशेष उनके परिवार को नहीं सौंपे जाएंगे, सूत्रों के हवाले से ऐसी खबरें मिल रही हैं। हालांकि प्रसिद्ध गीतकार जावेद अख्तर का कहना है कि अफजल के परिवार को उनके शव के अवशेष सौंप देने चाहिए। इसे कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाना चाहिए।

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    दरअसल, पीडीपी के विधायकों ने केंद्र सरकार से अफजल गुरु के शव के अवशेष मांगे हैं। सूत्रों की मानें तो पीडीपी अफजल गुरु के शव के अवशेष राजनीतिक कारणों से मांग रहे हैं, जिसे पूरा नहीं किया जाएगा। अफजल के शव के अवशेष को जेल में ही दफन कर दिया गया है।

    लेकिन गीतकार जावेद अख्तर का कहना है कि अगर अगर अफजल का परिवार उनके शव के अवशेष मांग रहे हैं, तो इसमें गलत क्या है। इस बात को मुद्दा न बनाकर परिवार को अफजल के शव के अवशेष सौंप देने चाहिए।

    हालांकि जावेद अख्तर ने पीडीपी विधायक की मांग पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, 'पीडीपी किस हक से अफजल गुरु के शव के अवशेष की मांग कर रहे हैं? यह मांग सिर्फ अफजल का परिवार कर सकता है।'

    उधर मुफ्ती मोहम्मद सईद सरकार पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए दीपेन्दर हुड्डा ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर में यह कैसी सरकार बनी है, अफजल गुरु का स्मारक बनाने की बात करती है।' हालांकि खड़गे ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। उन्होंने कहा, 'कोर्ट इस मामले में अपना फैसला सुना चुकी है। इसके बाद मुझे इस मामले में कुछ नहीं कहना है।

    गौरतलब है कि दिल्ली की तिहाड़ जेल में 9 फरवरी 2013 को यूपीए के शासनकाल में अफजल गुरु को फांसी पर चढ़ाया गया था। उसके मृत शरीर को अलगाववादियों का नायक बनने से रोकने के लिए जेल के अंदर ही दफनाया भी गया था। पीडीपी के आठ विधायकों जहूर मीर, यावर मीर, मोहम्मद खलील बडं, राजा मंजूर अहमद, मोहम्मद अब्बास वानी, एडवोकेट मोहम्मद युसुफ, एजाज मीर और नूर मोहम्मद ने साझा बयान देकर न सिर्फ अफजल गुरु की फांसी को गलत ठहराया, बल्कि यह भी कहा कि उसे गुपचुप तरीके से बारी आने से पहले ही फांसी देकर गलत किया गया। बता दें कि गत माह हुए राज्यसभा के चुनाव में गुलाम नबी आजाद की जीत को सुनिश्चित करने के लिए कांग्रेस को भी कहना पड़ा था कि अफजल गुरु को फांसी देना गलत था।

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